वैसे तो छींक आना आम बात है, पर लंबे समय तक छींक आना किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है, ऐसे में डॉक्टर के पास जाना ही बेहतर है। छींक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं एलर्जी, धूल, धुंआ, पशुओं की गंध, भोजन की एलर्जी, कुछ दवाएं, बारिश का पानी, ठंडा मौसम, तेज महक तथा नमी और तापमान में बदलाव। छींक के साथ कुछ समस्याएं भी आती हैं, जैसे एकाग्रता में कमी, लाल आंखें, नाक बहना, नाक में खुजलाहट। छींक बुखार और सिरदर्द का कारण भी हो सकती है।
रिसर्च के अनुसार एक छींक में 40,000 सूक्ष्म बूंदें होती हैं। इनमें से कुछ बूंदें शरीर से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बाहर निकलती हैं। इनमें इतना इन्फेक्शन होता है कि यह आसानी से बीमारी फैला सकते हैं।
छींक यानि स्नीज सेंटर, ब्रेन के निचले हिस्से ब्रेनस्टेम में होता है। इसमें चोट लगने या गड़बड़ होने से इस पर प्रभाव पड़ता है और छींक लगातार आने लगती है। जानवरों में सबसे ज्यादा छींकने वाला प्राणी इगुआना छिपकली है जो छींक कर अपने शरीर की गंदगी बाहर निकालती है।
मेथी
दो चम्मच मेथी को पानी के साथ मिलाकर उबालें। इस मिश्रण से पानी को निकालकर पिएं। जब
तक फायदा न हो, दिन में दो या तीन बार प्रयोग करें। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व छींक से राहत दिलाने का काम करता है।
अदरक
खाने में जायके के साथ ही अदरक कई सारे रोगों के इलाज में भी कारगर है। अदरक के टुकड़े को उबलते पानी में डालें। इस पानी में कुछ बूंद शहद की मिलाएं और इसे सोने से पहले पिएं। इससे रात में आने वाली छींक से राहत मिलेगी।
काली मिर्च
काली मिर्च को बुरककर गुनगुने पानी के साथ मिलाकर दिन में दो या तीन बार पिएं या काली मिर्च को दूध में मिलाकर सोने पर जाने से पहले पिएं या इस पानी से गरारा करें।
कैमोमाइल टी
चाय सर्दी, जुकाम भगाने के साथ ही छींक में भी आराम दिलाता है। कैमोमाइल चाय में एंटी हिस्टामाइन मौजूद होता है। उबलते पानी में कैमोमाइल के सूखे फूल को मिलाकर, एक चम्मच शहद मिलाएं। दिन में दो से तीन बार पिएं।
छींक के बारे में खास बातें
बीमारी- कितनी सारी बीमारियां महज एक छींक से फैलती हैं। जब कोई बीमार व्यक्ति मुंह पर हाथ रखे बिना छींकता है तो आसपास के लोगों में भी इन्फेक्शन फैल सकता है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर छींकने से एक साथ कितने ही लोगों को बीमार किया जा सकता है।
खतरा- धूल, धुएं और ठंड के मौसम में ज्यादातर लोगों को छींकते हुए देखा जा सकता है। ये एक प्रकार की एलर्जी होती है जिसके लिए डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है। इसके साथ ही घर में साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।
तक फायदा न हो, दिन में दो या तीन बार प्रयोग करें। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व छींक से राहत दिलाने का काम करता है।