एक दरगाह ने किया लोकप्रिय गेम पोकेमॉन गो के खिलाफ फ़तवा जारी
बरेली। बरेली स्थित सुन्नी मुस्लिमों की आस्था के केंद्र दरगाह-ए-हज़रत ने लोकप्रिय हो रहे गेम पोकेमॉन गो के खिलाफ फ़तवा जारी किया है। इसके मुताबिक यह गेम इस्लाम विरोधी है और यह हिंसा और शैतानी ताक़तों को बढ़ावा देता है। दरगाह के कुछ श्रद्धालुओं द्वारा गेम को लेकर कुछ स्थानों पर सवाल खड़े किए गए। फ़तवा जारी करने वाले दरगाह के प्रवक्ता मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि,
“इस बाबत हमारे पास मॉरीशस और डर्बन से भी सवालात और ऐतराज़ हासिल हुए हैं। मॉरीशस के एक मौलवी ने इस गेम की वैधता पर सवाल किया जिसके बाद हमने भी इस ओर तवज्जो देना मुनासिब समझा।” मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने मुख्तलिफ़ ज़रियों से इस गेम के बारे में मालूमात हासिल की और इसे इस्लाम विरोधी पाया। ” अव्वल तो ये कि इसमें खिलाड़ी खेलते वक्त अपनी जान जोखि़म में डालता है।
दूसरा ये कि पॉकेमान का जो किरदार है, वह लगातार एक से दूसरी जगह जाता रहता है, जो कि दूसरे लोगों की जा़ती जिंदगी में दख़ल देने जैसा है। इस गेम में ख़्वातिन और हज़रात इतने मशगूल और मकबूल हो जाते हैं कि वे अपने दूसरे फ़र्ज नहीं निभा पाते। लिहाजा़, ये तमाम क़वायद इस्लाम और इस्लामिक फलसफे व तालीम के बरक्स ठहरती है।” मुफ्ती ने यह भी बताया कि यह गेम देश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।
वे कहते हैं, “जिस जगह पर खिलाड़ी ठहरता है वह लोकेशन और उसकी तस्वीरें, जानकारियों का इस्तेमाल दुश्मन बखूबी कर सकता है। इससे दुश्मन अपने मंसूबे गढ़ सकता है, जो कि मुल्क के लिए ख़तरनाक है।” मुफ्ती ने कहा कि फ़तवा जारी करने से पहले उन्होंने खुद ये गेम कभी भी खेलने की कोशिश नहीं की। वे कहते हैं, “ये गेम फिलहाल हिंदुस्तां में नहीं आया है लिहाज़ा मैं इसकी बानगी नहीं पा सका। लेकिन मैंने अपने ज़रियों से बखूबी मालूमात हासिल की जिसके बाद ही फ़तवा जारी किया।”