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एक पिता का दर्द क्या समझेंगे बेऔलाद pm मोदी

img_20161009115040NEW DELHI: बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (BBAU) से आठ दलित छात्रों को निकाले जाने के विरोध में लखनऊ में INDIA की पहली ‘राष्ट्रीय छात्र संसद‘ हुई।

इसमें रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘दलित छात्रों का निष्कासन जल्द वापस नहीं लिया गया तो मैं बीबीएयू के गेट पर आमरण अनशन पर बैठूंगी।’
क्या बोलीं वेमुला की मां
राधिका ने कहा, ‘मोदी सरकार और आरएसएस दलित समाज का उत्पीड़न कर रही हैं। इसी षडयंत्र के चलते हैदराबाद विश्वविद्यालय में पांच दलित छात्रों का निष्कासन किया गया। जिसमें मेरा बेटा रोहित भी शामिल था। रोहित ने उत्पीड़न से परेशान होकर खुदकुशी कर ली।’
 जिसका कोई बेटा नहीं वो क्या समझेगा
मोदी पर बरसते हुए बोलीं, ‘उनके कोई पुत्र नहीं है वह पुत्र की पीड़ा क्या समझेंगे?’ वेमुला ने कहा, ‘रोहित के जाति प्रमाण-पत्र पर जस्टिस एके रूपनवाल कमेटी संदेह पैदा कर रही, जो ठीक नहीं है। वेमुला की मां के मुताबिक केन्द्र सरकार बंडारू दत्तात्रेय, स्मृति ईरानी सहित बीजेपी के अन्य नेता जिन पर एससी-एसटी एक्ट लगा है, उनको बचाने के लिए रोहित की जाति का मुद्दा उठा रही है।’ कहा, ’भाजपा का सफाया करने के लिए देश के हर प्रदेश में खुलकर विरोध करूंगी।’
राधिका ने सारी बातें तेलगू में कहीं। उसका हिन्दी में अनुवाद रोहित वेमुला के सहपाठी डी, प्रशान्थ ने किया। इससे पहले राधिका ने बीबीएयू के कुलपति से मिलने फैसला किया, लेकिन विश्वविद्यालय बन्द होने के कारण वह कुलपति से नहीं मिल सकीं। ‘छात्र संसद‘ में हजारों की संख्या में छात्रों, कार्मिकों व प्रोफेसरों जमावड़ा रहा। इसके अतिरिक्त आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने छात्र संसद में 9 प्रस्ताव रखे। उसमें 2 प्रस्ताव और बढ़ाये गये। जिससे 11 प्रस्ताव पास किये गये।
 

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