एक फिर महंगी होंगी लग्जरी कारें, इन सामानों पर GST रेट हुए कम
माल एवं सेवा कर (जीएसटी ) परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों के बाद मिडिल इनकम ग्रुप और लो इनकम ग्रुप के लोगों को फायदा पहुंचेगा. एक तरफ जहां फैसले के बाद मध्यम श्रेणी के साथ-साथ लग्जरी और स्पोर्ट्स यूटिलिट व्हीकल्स (एसयूवी) कारें महंगी हो जाएंगी. वहीं दूसरी तरफ छोटी और हाइब्रिड कारों को इस वृद्धि से छूट दी गई है. साथ ही धूप बत्ती, प्लास्टिक रेनकोट, रबड़ बैंड, झाडू, इटली/डोसा बाटर से लेकर रसोई में काम आने वाले गैस लाइटर जैसे रोजाना इस्तेमाल में आने वाले 30 वस्तुओं पर जीएसटी रेट कम करने का भी फैसला किया गया.
लग्जरी और स्पोर्ट्स यूटिलिट व्हीकल्स (एसयूवी) गाड़ियों पर बैठक में दो से प्रतिशत अतिरिक्त उपकर (सेस) लगाने का फैसला लिया गया. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने परिषद की यहां आठ घंटे चली बैठक के बाद कहा कि मध्यम श्रेणी की कारों पर दो प्रतिशत, बड़ी कारों पर पांच प्रतिशत और एसयूवी पर सात प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगाने का फैसला किया गया.
इन गाड़ियों पर पहले लागू उपकर में दो से सात प्रतिशत तक उपकर और जुड़ जायेगा इससे इन वाहनों पर कुल टैक्स जीएसटी से पहले के स्तर तक पहुंच गया है. जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने हालांकि हाइब्रिड कारों और 1200 सीसी तक की पेट्रोल-डीजल से चलने वाली छोटी कारों पर अतिरिक्त उपकर नहीं लगाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त उपकर लागू होने की डेट बाद में अधिसूचित की जाएगी.
रोजाना की चीजें सस्ती
जेटली ने बताया कि सूखी इमली, खली, धूपबत्ती, प्लास्टिक से बने रेनकोट, रबर बैंड, किचन गैस लाइटर और ऐसे ही कुछ अन्य दैनिक उपभोग वाले 30 सामानों पर जीएसटी दर कम की गयी है. परिषद की बैठक में इन वस्तुओं की दरों में विसंगतियां सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया.
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ब्रांड पर जीएसटी लगाने पर फैसला
कारोबारियों द्वारा अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त कराने की समस्या पर भी बैठक में विचार किया गया. इसमें कहा गया कि 15 मई 2017 को जो ब्रांड पंजीकृत होगा उसपर जीएसटी लगाया जाएगा. फिर चाहे इस डेट के बाद उस ब्रांड का पंजीकरण रद्द ही क्यों न करा दिया गया हो. आपको बता दें कि बिना ब्रांड वाले खाद्य उत्पादों को जीएसटी के तहत छूट दी गयी थी. जबकि पैकिंग वाले ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया गया था. यही वजह है कि कई उद्यमियों ने जीएसटी से बचने के लिए अपने उत्पादों का ब्रांड पंजीकरण रद्द करवाना शुरू कर दिया है.
जीएसटी परिषद की हुई 21वीं बैठक में जुलाई माह की बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समय सीमा भी एक माह बढ़ाकर 10 अक्तूबर कर दिया गया. हालांकि 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को जीएसटीआर-1 भरने की अंतिम तिथि 3 अक्तूबर होगी. देश में जीएसटी व्यवस्था 01 जुलाई से लागू हुई है. इस लिहाज से पहली बार रिटर्न दाखिल की जा रही है. बैठक में अन्य रिटर्न भरने की डेट को भी आगे बढ़ाया गया है. जेटली ने बताया कि कुल करदाताओं में से 70 प्रतिशत से अधिक ने 95 हजार करोड़ रुपये की रिटर्न दाखिल की है.
जुलाई महीने के लिए जीएसटीआर-2 को 31 अक्तूबर तक और जीएसटीआर-3 को 10 नवंबर तक दाखिल किया जा सकेगा. जेटली ने कहा कि कारोबारी कंपोजीशन योजना को 30 सितंबर तक अपना सकते हैं.
जीएसटी लागू होने के बाद कुछ मौकों पर जीएसटी नेटवर्क समस्या खड़ी हुई है. कई कारोबारियों की शिकायत आयी है कि उन्हें रिटर्न भरने में काफी समय लग रहा है. परिषद ने आज की बैठक में इस मुद्दे पर विचार करते हुए समिति बनाने का फैसला किया जो कि जीएसटीन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी.
गाड़ियों पर यह हुआ बदलाव
– पेट्रोल-डीजल की छोटे कारें जीएसटी लागू होने के बाद तीन प्रतिशत सस्ती हुई हैं, अब भी सस्ती रहेंगी.
– जीएसटी के बाद मध्यम श्रेणी की कारों पर कुल कर का बोझ 48 से घटकर 43 प्रतिशत रह गया था जिसे आज परिषद ने दो प्रतिशत बढ़ाकर 45 कर दिया.
-बड़ी कारों पर आठ प्रतिशत का फायदा हो रहा था उन पर वापस पांच प्रतिशत उपकर बढ़ा दिया गया है.
-एसयूवी वाहनों पर 11 प्रतिशत तक कर में फायदा हो गया था, परिषद ने इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि की है.
-10 से लेकर 13 लोगों के बैठने की क्षमता वाली गाड़ियों पर और हाइब्रिड कारों पर उपकर में कोई बदलाव नहीं किया गया है