एक बच्चा ऐसा, जिसे जो देखता है जोड़ लेता है हाथ
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रायपुर। जाने क्यूं मेरे बेटे को देखने सोमवार की रात 8 बजे भीड़ लग गई। पत्नी राजमति ने तीसरे बेटे को जन्म दिया, जिसे देखकर लोग आश्चर्य जता रहे हैं, मुझे दिलासा दे रहे हैं। शायद इसीलिए कि भगवान ने बच्चे की नाक छोटी और विकृत बना दी है। मुझे इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं उसे पाकर खुश हूं। यह कहना है कमलेश गोंड़ का।
अंबेडकर अस्पताल के वार्ड नंबर-6 में बेड नंबर 11 पर पत्नी के पास बैठे कमलेश गोंड़ ने नईदुनिया टीम को देखते ही कहा- आप भी बच्चे को देखने आए हैं? देखिए, सो रहा है। जब पैदा हुआ तो इसे देखकर लोग हनुमान कह रहे थे। भीड़ लगने लगी तो डॉक्टरों ने वार्ड में लाकर राजमति के साथ रखा है। उसने बताया- 8 साल पहले लाकेश और 3 साल पहले लोकेश रथेली में नार्मल डिलिवरी से पैदा हुए।
तीसरा बेटा भी नार्मल डिलीवरी से पैदा हुआ। मूलतः शहडोल के उमरिया जिले के रहने वाला कमलेश यहां सिलतरा में सपरिवार रहता है और रोजी-मजदूरी करता है। पत्नी भी खर्च का बोझ कम करने मजदूरी करती है। कमलेश कहता है-दुनिया में बिना हाथ-पैर के बच्चे पैदा हो रहे हैं, मेरे बेटे की केवल नाक छोटी है, इसलिए चेहरे की बनावट विकृत लग रही।
अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने सोनोग्राफी करके बताया कि इससे स्वास्थ्य को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी। उसने पूछा-क्या बच्चे की फोटो छापेंगे? मेडम लोग बाहर ले जाने से रोकती हैं, मीडिया वाले भी बात करने आए थे, मुझे उम्मीद है कि बेटा तरक्की करेगा, क्योंकि भगवान ने एक खामी दी है तो अन्य मामले में उसे कुछ तो ज्यादा दिया होगा।