एक बाप ने अपने बेटी की शादी के कार्ड पर छपवाया ऐसा, जिसने भी देखा देखा दंग रह गया
भारत महान शादियां पर्व की तरह होती हैं जो बड़ी धूमधाम से लड़के और लड़की के परिवार द्वारा मनाई जाती है। भारतीय शादी में शादी के दौरान बहुत सारी रस्में आ रही थी रिवाज निभाए जाते हैं जिनके बाद ही एक लड़का और एक लड़की शादी के बंधन में बंध जाते हैं लेकिन उन रस्मों के बाद भी एक रसम ऐसी है जो भारत में एक अभिशाप के रूप में लिखी जाती है। उस प्रथा को दहेज प्रथा के नाम से जाना जाता है जो भारत में शादियों में एक कलंक है और अभिशाप है। दहेज प्रथा के चलते बहुत से बेटियों के बाप बेटी पैदा करने से भी डरते हैं और बेटी को ही कलंक मरने लगते हैं क्योंकि उनकी शादी के दौरान उन्हें बहुत बड़ी मात्रा में दहेज भी देना पड़ता है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने दहेज के खिलाफ एक कड़ा कदम उठाते हुए एक मिसाल कायम की है। आइए जानते हैं उसके बारे में-
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले गुर्जर समाज के एक पिता ने अपनी बेटी की शादी के दौरान दहेज ना देने की एक नई मिसाल कायम की है और साथ ही शादी का सारा खर्च शादी के कार्ड पर लिखवाया है। मैं गुर्जर समाज के पहले ऐसे व्यक्ति हैं अपनी बेटी के दौरान शादी में दहेज ना देने की नई प्रथा की शुरुआत की है। वह अपने समाज के साथ-साथ पूरे भारत को एक नया संदेश दे रहे हैं कि अपने बेटी को बोझ ना समझे और अपनी बेटी की शादी में दहेज ना दें।
कार्ड पर खर्च का पूरा उल्लेख
गुर्जर समाज के अंदर गुर्जर की बेटी की शादी हुई थी 20 जून को होनी तय हुई थी और उन्होंने अपनी बेटी का शादी का कार्ड कुछ इस अनोखे ढंग से छपवाया था कि पहले वाले के मुंह से वाह निकली। अपनी बेटी के शादी के कार्ड पर शादी में हुए पूरे खर्च का बकायदा उल्लेख किया। जिसने लिखित खर्च कुछ इस प्रकार थे-
विवाह करवाने वाले पंडित जी को 1100 रुपये दक्षिणा रूप, इसके अलावा थाली में 5100 रुपये, सगुन के 1100 रुपये, दरवाजा रुकाई के 1100 रुपये, भात के 5100 रुपये, अंक माला के 10 रुपये, टीका के 50 रुपये, पान के 1100 रुपये और 5 बर्तन, कूल, आलमीरा तथा पलंग दिये जा रहे हैं। साथ ही यह भी लिखा कि बरात में केवल सो बारातियों का ही स्वागत किया जाएगा।
जिस तरह से समाज में शराबबंदी हो चुकी है उसी तरह से उन्होंने भी अपने कार्ड में दहेज बंदी का उल्लेख करते हुए साथ में यह भी उल्लेख किया है कि शादी में आने वाले सभी बारातियों और घरातियों से यह गुजारिश है कि कोई भी शराब पीकर शादी में सम्मिलित ना हो जिस तरह से समाज में शराबबंदी हो चुकी है उसी तरह से अब दहेज बंदी भी होना बहुत जरूरी है। लड़की के चाचा से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से समाज में शराबबंदी हो गई है अब हमारे बड़े भाई ने दहेज बंदी के लिए यह कदम उठाया है और हम सब इनके साथ हैं।उन्होंने कहा जिस तरह से समाज में शराबबंदी का पालन लोगों द्वारा किया जा रहा है उसी तरह से संत जी की कृपा से दहेज बंदी का पालन भी लोग अवश्य करेंगे। उस कार्ड में एक ऐसा स्लोगन छापा गया है जिसकी चर्चा आसपास के सभी लोगों द्वारा की जा रही है जो कुछ इस प्रकार है।
बेटी बचाओ की अपील
समाज में अक्सर देखा गया है कि दहेज प्रथा के चलते बहुत से लोग बेटी पैदा होने से पहले ही उसे गर्भ में मार देते हैं। इसलिए पूजा की शादी के कार्ड में एक स्लोगन बेटी बचाओ के लिए भी लिखा गया है और सभी से यह आग्रह किया गया है कि ना दहेज ले और ना दे अपनी बेटी को जितना हो सके दहेज प्रथा और भ्रूण हत्या से बचाएं।