एक बार RSS शाखा में भाग लें नीतीश, ‘गलत धारणाएं’ मिट जाएंगी : बीजेपी
नई दिल्ली: लोकतंत्र को बचाने के लिए देश को ‘संघ मुक्त’ करने के नीतीश कुमार के आवाह्न पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने रविवार को कहा कि आरएसएस के आलोचकों को कम से कम एक बार उसकी शाखा में भाग लेना चाहिए, ताकि उनकी ‘गलत धारणाएं’ मिट सकें।
पार्टी ने रविवार को स्पष्ट किया कि उसका मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाने के प्रयासों से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार को देश के विकास एवं गरीबों के लिए काम करने से रोकने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे।
‘नीतीश की राष्ट्रीय महत्वकांक्षा किसी से छिपी नहीं’
बीजेपी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बिहार की नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में जंगल राज के दिन फिर से लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई जेडीयू नेता की राष्ट्रीय महत्वकांक्षाओं से अवगत है। कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए शर्मा ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या राहुल गांधी ऐसे मोर्चे का नेतृत्व करेंगे अथवा उसके महज हिस्सा होंगे।
उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार ने ‘आरएसएस मुक्त’ भारत की बात कही है। आप संघ के लोगों के साथ काफी लम्बे समय तक रहे हैं। आपका बीजेपी के साथ लंबा गठबंधन रहा है। और आप बीजेपी के कार्यक्रमों में भाग भी लेते रहे हैं। आपने ‘संघ मुक्त’ भारत की भी बात कही है। बेहतर होगा कि आप संघ को थोड़ा देखें और समझें।’
‘शाखा में जाएं, उनका सॉफ्टवेयर ठीक हो जाएगा’
शर्मा ने कहा, ‘उसके लिए संघ की शाखा में जाना सर्वोत्तम होगा। जो लोग देश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का विरोध करते हैं उन्हें कम से कम एक बार उसकी शाखा में जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘उसके बाद ही उनकी समझ बेहतर हो सकेगी और उनकी गलत धारणा दूर हो सकेगी। उसके बाद ही उनके सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां दूर हो सकेंगी।’
शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि आरएसएस ने सदैव देश के हित के लिए काम किया है। नीतीश की पार्टी जेडीयू ने 2013 में बीजेपी के साथ अपने 17 साल पुराने संबंधों को तोड़ लिया था, क्योंकि वह 2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के विरोधी थे।
बीजेपी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री को आगाह किया कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक तथा राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक सभी ने आरएसएस का विरोध किया, लेकिन यह संगठन मजबूत ही हुआ।
नीतीश ने किया संघ मुक्त भारत का आह्वन
उन्होंने नीतीश के उस आह्वान पर सवाल उठाया जिसमें सभी गैर बीजेपी, गैर-आरएसएस संगठनों से एक परचम तले आने को कहा गया है ताकि ‘सांप्रदायिक ताकतों की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाकर देश की एकता को बरकरार रखा जाए एवं लोकतंत्र की रक्षा की जा सके।’
शर्मा ने कहा, ‘प्रयास बस यही है कि मोदी सरकार को देश के विकास के लिए कदम उठाने से रोका जा सके, युवाओं को रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा सके तथा सरकार को गरीबों की मदद से रोका जा सके।’ बीजेपी नेता एवं केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि नीतीश कुमार एक समय कांग्रेस विरोधी बयान देते थे, किन्तु अब वे कांग्रेस के साथ खड़े हुए हैं।
‘गरीबों का भला हो रहा है तो नीतीश को हजम नहीं हो रहा’
नकवी ने कहा, ‘आप (नीतीश) इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं कि हम समाज के गरीब एवं कमजोर तबकों को लाभ पहुंचा रहे हैं। लिहाजा आप बीजेपी का विरोध नहीं, बल्कि कमजोर तबको के उन्नयनय एवं गरीबों के सशक्तिकरण के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। वह जो कह रहे हैं, हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है। वह अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे।’ आरएसएस के विचार एम.जी. वैध ने कहा कि संघ पर हमले करने के प्रयासों के विपरीत परिणाम होंगे।
वैध ने कहा, ‘वे अपने बूते पर बीजेपी को हरा नहीं सके। संभवत: एक साथ आकर उन्हें कुछ फायदा हो। जहां तक संघ की बात… जब भी संघ का विरोध बढ़ता है तो उसका विकास होता है।’ उन्होंने कहा, ‘संघ किसी की दया पर नहीं बढ़ा है बल्कि उसके कार्यकर्ताओं के कड़े श्रम एवं क्षमताओं के कारण बढ़ा है।’
पीएम मोदी के नारे की आलोचना कर, नीतीश ने दिया अपना नारा
पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नारा देने के लिए आडे हाथ लेते हुए शनिवार को कहा था, ‘संघ मुक्त भारत बनाने के लिए सभी गैर बीजेपी पर्टियों को एक होना होगा।’ उन्होंने कहा था, ‘बीजेपी एवं उसकी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट होना ही लोकतंत्र को बचाने का एकमात्र रास्ता है।’ नीतीश कुमार पहले भी धर्म निरपेक्ष दलों के बीच व्यापक संभावित एकजुटता की बात कर चुके हैं।