एक बड़ा गिरोह आगरा में पिस्टल बनाकर लखनऊ में बेच रहा था विदेशी पिस्टल…
शस्त्र विक्रेता के माध्यम से लाइसेंस धारकों को बेची जाने वाली इन पिस्टलों को बनाने वाले बड़े गिरोह के सरगना समेत तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आगरा। शास्त्रीपुरम में विदेशी पिस्टल बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। बड़ी मशीनों से लेकर छोटे-छोटे उपकरण भी यहां थे। शस्त्र विक्रेता के माध्यम से लाइसेंस धारकों को बेची जाने वाली इन पिस्टलों को बनाने वाले बड़े गिरोह के सरगना समेत तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें लखनऊ का एक शस्त्र विक्रेता भी शामिल है। फैक्ट्री से बनी और अधबनी 40 पिस्टल बरामद हुई हैं, जो हूबहू विदेशी पिस्टल जैसी थीं।
शास्त्रीपुरम में निखिल पैराडाइज कॉलोनी में प्रदीप का मकान है। इसकी बाउंड्रीवाल कराने के बाद प्रदीप ने एक कमरा, बरामदा और दूसरी ओर टिन शेड डलवा रखा था। वर्ष 2014 में आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर नौ निवासी लोकेश शर्मा ने किराए पर यह मकान ले लिया। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक मशीन, ड्रिल मशीन, मिलिंग मशीन, सरफेसिंग और ग्राइंडिंग आदि मशीनें लगा दीं। इसके बाद यहां पिस्टल के पार्ट तैयार होने लगे। तीन साल से यहां अवैध हथियार बन रहे थे। ट्रैफिक इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह को जानकारी मिलने पर उन्होंने टीम के साथ रविवार शाम छापा मारकर फैक्ट्री से सरगना लोकेश शर्मा और शस्त्र विक्रेता लखनऊ के वजीरगंज के पुष्पांजलि एन्क्लेव निवासी हरजीत सिंह सरना को गिरफ्तार कर लिया। लोकेश की निशानदेही पर कारीगर नई दिल्ली के तिलक नगर निवासी गुरुबक्श सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि लोकेश के पिता मदनलाल शर्मा काफी समय से लखनऊ और आगरा के गन हाउस में शस्त्रों की मरम्मत का काम करते थे। लोकेश एमएससी की पढ़ाई के दौरान उन्हीं के साथ काम सीख गया। उसके लखनऊ, एटा, कानपुर और असोम के कई शस्त्र विक्रेताओं से संपर्क हो गए। वर्ष 2012 में विदेशी शस्त्रों की डुप्लीकेसी की योजना बनाई। लखनऊ के शस्त्र विक्रेता हरजीत सिंह को इन्हें खपाने के लिए नेटवर्क में शामिल कर लिया। इसके बाद से ही निखिल पैराडाइज में फैक्ट्री बनाकर स्पेन की स्टार कंपनी और इटली की वरेटा कंपनी की पिस्टल की नकल तैयार करने लगा। 1.60 लाख में इसे शस्त्र विक्रेताओं को बेचा जाता था। शस्त्र विक्रेता इसे आठ लाख रुपये में लाइसेंस धारकों को बेचते थे।