कर्णप्रयाग: पंचबदरी में प्रथम आदिबदरी धाम के कपाट शनिवार शाम सात बजे एक माह के लिए बंद कर दिए गए। इस मौके पर समीपवर्ती गांवों के लोगों ने आदिबदरी मंदिर समूह के मुख्य मंदिर में भगवान विष्णु के शृंगार एवं निर्वाण रूप के दर्शन कर पूजा-अर्चना में भाग लिया। परंपरा के अनुसार अगले माह मकर संक्रांति पर्व पर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
शनिवार सुबह वसुधारा जल प्रपात के जल से भगवान आदिबदरी के अभिषेक व पूजा विधान के साथ कपाटबंदी की प्रक्रिया आरंभ हुई। मंदिर के पुजारियों ने भगवान विष्णु की अभय मुद्रा के शृंगार के बाद निर्वाण दर्शन की प्रक्रिया संपन्न की। जबकि, श्रद्धालुओं ने घंटा-घडिय़ाल व शंख ध्वनि के बीच पंचज्वाला आरती के साथ भगवान को कड़ाहा भोग लगाया।
इस दौरान समीपवर्ती गांव भल्सों, थापली व जुलगढ़ के ग्रामीण ने भगवान को नए अनाज का भोग लगाकर उसे प्रसाद रूप में वितरित किया। मंदिर के पुजारी चक्रधर थपलियाल ने बताया कि पीढ़ियों से मंदिर को पौष मास में एक माह के लिए बंद करने की परंपरा चली आ रही है। मंदिर समिति अध्यक्ष विजयेश नवानी ने बताया कि एक माह बाद मकर संक्राति पर्व पर कपाटोद्घाटन के दौरान सात दिवसीय महाभिषेक समारोह भी आयोजन किया जाएगा।