राष्ट्रीयस्वास्थ्य

एक रुपए में दिल का और 2 रुपए में होगा कैंसर इलाज

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
download (6)अब सिर्फ एक रुपए के खर्च में आपका दिल महफूज रह सकता है। दो रुपए में सर्विक्स कैंसर की जांच व कैंसर के दर्द से छुटकारा भी मिलना संभव है ,कैंसर और हार्टअटैक का इलाज बेहद महंगा है। ….लेकिन अब सिर्फ एक रुपए के खर्च में आपका दिल महफूज रह सकता है। दो रुपए में सर्विक्स कैंसर की जांच और कैंसर के दर्द से छुटकारा भी मिलना संभव है। बड़ी बात यह है कि यह उपचार अब राजधानी के अस्पतालों में संभव है। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में भी इन विधियों द्वारा उपचार किया जा रहा है।सिर्फ एक रुपए के पेंसिलिन इंजेक्शन से रूमेटिक हार्ट डिसीज (आरएचडी) को 99 फीसदी तक रोका जा सकता है। एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का दावा है कि इंजेक्टेबल बेंजाइन पेंसिलिन एक एेसी दवा है जो आरएचडी के उपचार में कारगर है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जीसी गौतम के मुताबिक रूमेटिक हार्ट डिसीज की वजह बैक्टीरिया होते हैं।
अगर एक बार यह बीमारी मालूम हो जाए तो इसे आसानी से रोका जा सकता है। पेंसिलिन इंजेक्शन से मरीज को न केवल बचाया जा सकता है, 99 फीसदी इसे रोका जा सकता है। इसकी रोकथाम के लिए मरीज को हर तीन महीने में एक रुपए वाले इंजेक्शन की जरूरत होती है।महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद सबसे ज्यादा खतरा सर्विक्स कैंसर का होता है। महिलाओं के लिए यह अच्छी खबर है कि अब मात्र 2 रुपए में वे गर्भाशय कैंसर की जांच करा सकती हैं। जर्नल ऑफ करंट मेडिसिन रिसर्च और प्रैक्टिस में प्रकाशित शोध के मुताबिक महज दो रुपए के एसिटिक एसिड से यह जांच हो सकती है। यह इतनी आसान है कि ग्रामीण स्तर पर एएनएम भी यह जांच कर सकती है।इसमें गर्भाशय द्वार पर रुई में 3.5 से 5 फीसदी एसिटिक एसिड लगाया जाता है, जिससे प्रोटीन जमने के कारण सर्विक्स में सतह का रंग बदलकर सफेद हो जाता, जो कि कैंसर का संकेत है। एम्स भोपाल के स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.रागिनी मल्होत्रा के अनुसार इस तरह से सर्विक्स कैंसर की पहचान करना आसान हो गया है।कैंसर के अंतिम स्टेज के दौरान मरीजों को होने वाली जानलेवा पीड़ा है। अब इस दर्द से मरीज को मुक्ति मिल सकती है, वह भी महज एक रुपए में। भोपाल मेमोरियल अस्पताल में इसकी शुरूआत भी हुई है और कई मरीजों को इसका इसका फायदा मिल रहा है। अस्पताल के निदेशक प्रो. मनोज पाण्डेय के मुताबिक मॉरफीन एक ऐसी दवा है जो मात्र एक रुपए में उपलब्ध है। इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर को नारकोटिक्स विभाग से इजाजत लेनी होती है।

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