ज्ञान भंडार
एक शख्स जिसने गरीब किसानों की मदद के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी
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संघर्ष क्या होता है, यह अमिताभ सदंगी को अच्छे से मालूम है। आज लाखों गरीब किसानों का भला कर रहे अमिताभ खुद भी गरीबी के दर्द को झेल चुके हैं।
उड़ीसा के गैलरी नाम के एक छोटे से गांव में जन्मे अमिताभ का बचपन इतनी गरीबी में बीता था कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना भी मुश्किल होता था। अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वह अखबार बेचा करते थे। अमिताभ अच्छे से जानते थे कि इस गरीबी से उन्हें केवल पढ़ाई ही निकाल सकती है। अपनी पढा़ई जारी रखने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की।कॉलेज से निकलने के बाद उन्हें उड़ीसा सरकार में असिस्टेंट लेबर ऑफिसर की नौकरी मिल गई। लेकिन गरीब किसानों के लिए काम करने की उनकी इच्छा ने उन्हें ज्यादा दिन नौकरी में टिकने नहीं दिया। 1991 में उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर अपनी कंपनी के लिए काम करना शुरू किया। 2001 में जाकर उनकी कंपनी शुरू हुई।
उनकी कंपनी खेती बाड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाले सिंचाई उपकरण बनाती है। भारत के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ती है। ऐसे में यह उपकरण किसानों के लिए किसी जीवनदान से कम नहीं हैवह अच्छे से जानते थे कि इस क्षेत्र में वह पहले इंसान नहीं हैं। अब तक कई लोग सिंचाई उपकरण बना चुके हैं। लेकिन वह ये भी जानते थे कि सभी उपकरण महंगे हैं। अमिताभ गरीब किसानों के लिए काम करना चाहते थे।