एक समान नागरिक संहिता लागू हो : आदित्यनाथ
गोरखपुर (एजेंसी)। देश की जनगणना के आंकड़े गम्भीर चेतावनी के संकेत कर रहे हंै। समय आ गया है जब राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता को सुनि>ित करने के लिए देश के अन्दर जनसंख्या नियंत्रण का एक प्रभावी कानून बनाकर ‘एक समान नागरिक संहिता’ को पूरे देश में लागू किया जाय। यह मांग गोरक्षपीठाधीश्वर एवं गोरखपुर के सांसद महन्त योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या के आंकड़े पर अपनी प्रतिक्रिया में व्यक्त किए।
भाजपा सांसद ने कहा कि जनसांख्यिकी में असंतुलन 1947 में देश के विभाजन की त्रासदी का तथा 199० में कश्मीर से हिन्दुओं और सिखों को सामूहिक पलायन होने का कारण बना था। इन सबके बावजूद देश के अन्दर जनगणना के आंकड़े जनसांख्यिकी असंतुलन की गम्भीर चेतावनी की ओर संकेत कर रहे हैं। यह एक खतरनाक बढ़त है।
कुल आबादी 2००1 से 2०11 के बीच हिन्दुओं की हिस्सेदारी ०.7 प्रतिशत घटी है जबकि इसी दौरान मुस्लिम आबादी ०.8 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले एक दशक में हिन्दुओं की आबादी 16.8 प्रतिशत बढ़ी। इसी दौरान मुस्लिम आबादी 24.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी। आबादी बढ़ने की यही दर रही तो 5० वर्षों में देश की जनसांख्यिकी असंतुलन एक खतरनाक स्थिति में पहुंच जायेगी। तब न तो धर्म निरपेक्षता के नाम पर और न ही लोकतंत्र के नाम की दुहाई दी जा सकती है।
सांसद ने कहा कि देश के सभी जागरूक प्रबुद्धजनों को सचेत होकर भारत के राजनैतिक नेतृत्व पर जनसंख्या नियंत्रण पर प्रभावी कानून बनाने और पूरे देश के अन्दर ‘एक समान नागरिक संहिता’ लागू करवाने की मांग करनी चाहिए। यही देश के हित में होगा।