एक हजार टन सोना… सपना अगर यह सच हुआ
लखनऊ/उन्नाव (दस्तक ब्यूरो)। राजा-महाराजाओं का वक्त गया तो उनसे जुड़ी बातें किताबों या किस्से-कहानियों में सिमट गईं। राजाओं के पास रही अकूत दौलत, सम्पदा और सोना-चांदी आज की पीढ़ी के लिए कल्पना से परे की बात है। एक गांव के पास स्थित खण्डरनुमा जमीन के नीचे एक हजार टन सोना दबे होने की बात की जाए तो शायद किसी को विश्वास नहीं होगा। वह भी तब जब यह दावा एक साधू करे। जिसके मुताबिक उसे एक राजा ने खुद सपने में आकर गड़े हुए धन की बात बताई है। लेकिन! यह हकीकत है, हम बात कर रहे हैं लखनऊ से सटे उन्नाव जिले की। यहां की बीघापुर तहसील में बक्सर स्थित डौंडिया खेड़ा के जमींदोज हो रहे किले में जमीन के नीचे एक हजार टन के लगभग सोना दबा हुआ है। इस बात का दावा करने वाले संत शोभन सरकार बक्सर से एक किलोमीटर दूर आश्रम में रहते हैं।
बकौल शोभन सरकार तीन माह पूर्व उन्हें सपना दिखा, जिसमें 1857 की क्रांति में अंग्रेंजी हुकूमत की चूलें हिलाने वाले डौंडिया खेड़ा के राजा राव रामबक्स सिंह के किले में 19वीं सदी का खजाना दबा होने की बात कही गई थी। बता दें कि राजा रामबक्स सिंह अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। शोभन ने तीन सितंबर को जिला प्रशासन को पत्र लिखा और अपने सपने के बारे में जानकारी दी। शुरुआत में उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। शोभन सरकार के शिष्य ओमजी ने इस पत्र की एक-एक कॉपी प्रदेश सरकार, केंद्रीय वित्त मंत्री और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री को भी फैक्स भेज कर जानकारी से अवगत कराया। शिष्य ओमजी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत 22 सितंबर और सात अक्तूबर को खुद मौके पर पहुंचे और उन्होंने शोभन सरकार से भी मुलाकात की।
जीएसआई और एएसआई के टीमें सक्रिय
शासन के निर्देश पर दो अक्तूबर को एसडीएम ने किले का दौरा कर विटियन कोर्ट नाम से मशहूर इमारत का नजरी नक्शा निकलवाया। 3 अक्तूबर को जीएसआई (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया) और 4 अक्तूबर को एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया) की टीमों ने जांच की। जांच में पता चला कि 15 से 20 फुट की गहराई में सोने का भंडार दबा है। उन्नाव के जिलाधिकारी वीके आनंद ने भी खबर की पुष्टि की है। इसी बीच क्षेत्र की पहचान के बाद इलाके की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। डौंडिया खेड़ा के अमर शहीद राजा राव रामबक्स सिंह के किले में दबे खजाने की पुरातत्व विभाग (एएसआई) द्वारा जांच में पुष्टि के बाद अब 18 अक्तबर से खुदाई शुरू की जाएगी।