एचआईवी से संक्रमित महिला ने झील में कूदकर की आत्महत्या
मामले पर धारवाड़ जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेंद्र दोड्डामनी का कहना है, “यह दुर्भाग्य है। हम लोगों को कह रहे हैं कि एचआईवी पानी के कारण नहीं फैलता है। लेकिन लोग नहीं मान रहे हैं।” बता दें मानव के शरीर के बाहर एचआईवी का वायरस हवा और पानी में अधिक देर तक नहीं टिकता। यह केवल मां के दूध और शारीरिक संबंध बनाने से ही फैलता है।
आशा फाउंडेशन के फाउंडर डॉक्टर ग्लोरी एलेक्जेंडर का कहना है, “यह मामला डर से अधिक जुड़ा हुआ है। यह सब जागरुकता की कमी के कारण हो रहा है। जब किसी एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति की मौत होती है तो वायरस भी खत्म हो जाता है। अगर वायरस शरीर से बाहर आ भी जाए तो वह पानी और हवा में कुछ ही सेकेंड में खत्म हो जाता है। पानी से संक्रमण फैलने का कोई रिस्क नहीं है।”
29 नवंबर को महिला का शव झील से मिला था। इसके बाद पूरे गांव में खबर फैल गई कि पानी दूषित हो गया है। लोगों ने पानी पीने से इनकार कर दिया और प्रशासन पर झील से पानी निकालने का दबाव बनाया। प्रशासन ने लोगों को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं माने और आखिरकार झील को खाली किया जा रहा है।