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एचडब्ल्यूएल फाइनल: नीदरलैंड्स को हरा भारत ने जीता कांस्य पदक
रायपुर। भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रविवार को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया।
आखिरी क्वार्टर में बेहद तूफानी खेल देखने को मिला और इस क्वार्टर में कुल सात गोल हुए, हालांकि निर्धारित समय का खेल 5-5 से बराबरी पर रहा, जिसके कारण पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा।
नीदरलैंड्स ने आक्रामक शुरुआत की। मिर्को प्रूइसेर ने नौवें मिनट में डच टीम को बढ़त दिला दी, जिसे 25वें मिनट में वैन डर स्कूट निएक ने 2-0 कर दिया।
इन दो गोलों की बदौलत डच टीम ने मध्यांतर तक बढ़त कायम रखी। भारत के लिए पहला गोल रमनदीप सिंह ने मैच के 35वें मिनट में किया, हालांकि तीसरे क्वार्टर तक भी नीदरलैंड्स 2-1 से आगे रहा।
चौथे क्वार्टर में भारतीय टीम ने जबरदस्त प्रयास किए। रुपिंदर पाल सिंह ने 41वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए जैसे ही भारत को 2-2 से बराबरी दिलाई जैसे भारतीय टीम को संजीवनी मिल गई।
चार मिनट बाद ही रमनदीप सिंह ने फ्लीक के जरिए गोल कर भारत को 3-2 से आगे कर दिया। वैन डर वीरेडन मिंक ने हालांकि 54वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर डच टीम को 3-3 से बराबरी पर ला दिया।
हालांकि भारतीय टीम ने तेज पलटवार किया और रुपिंदर पाल सिंह ने अगले ही मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत को 4-3 से फिर से बढ़त दिला दी, जिसे आकाशदीप सिंह ने 56वें मिनट में 5-3 कर दिया।
भारत की जीत जब पक्की लगने लगी तभी डच टीम ने तूफानी पलटवार किए और वैन डर वीरडेन मिंक ने 58वें और 60वें मिनट में लगातार दो गोल कर न सिर्फ अपनी हैट्रिक पूरी की बल्कि नीदरलैंड्स को 5-5 से बराबरी पर भी ला दिया।
शूटआउट में हालांकि डच टीम चूक गई। बिल्ली बेकर और सीव वैन ऐस ही गोल कर सके, जबकि जेरोएन हट्र्सबर्गर, प्रुइसेर और वैलेंटाइन वर्गा गोल नहीं कर सके।
भारत की ओर से बीरेंद्र लाकड़ा, सरदार सिंह और रुपिंदर गोल करने में सफल रहे, जबकि दानिश मुज्तबा और मुहम्मद आमिर खान चूके।