

दिल्ली में मेदांता द मेडिसिटी द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कोरोनरी कांग्रेस में रविवार को बाबा रामदेव ने पांच सौ व हजार रुपये के नोट बंद करने के सवाल पर कहा आर्थिक चुनौतियां से देश जूझ रहा है। बड़े नोट बंद करने से मोदी ने भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और नकली नोटों के कारोबार करने वालों को करारा झटका दिया है। रामदेव ने यह भी कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष लोगों को एकत्रित कर एटीएम और बैंकों में भीड़ बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि आरोप मढ़ने की बजाय व्यवस्था स्वच्छ करने के इस प्रयास में सरकार का सहयोग करें।
जब युद्ध होता है तो सैनिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और कई सप्ताह तक भूखा रहना पड़ता है। क्या देश के कल्याण के लिए कुछ दिनों तक इस कठिनाई को नहीं उठा सकते? उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं। क्योंकि अचानक उठाए गए इस कदम से उन्हें दिक्कत हो रही है। इस मौके पर रामदेव ने योग व आयुर्वेद की उपयोगिता के बारे में लोगों को समझाया।
मेदांता के अध्यक्ष डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि भारत में करीब छह करोड़ लोग पहले से ही दिल से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त हैं। जबकि छह करोड़ कतार में खड़े हैं। मौजूदा चिकित्सा प्रणाली मरीजों का एंटीबायोटिक्स, कीमोथेरेपी, रेडिएशन इत्यादि पद्धतियों से उपचार करती है, लेकिन सफल ऑपरेशन के बावजूद मरीज को जबरदस्त आघात पहुंचता है।