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एथलेटिक्स में स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला बनी हिमा दास

फर्राटा दौड़ की नई सनसनी हिमा दास और भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने वर्ष 2018 में भारत का परचम लहराया, जबकि डोपिंग ने एक बार फिर भारतीय एथलेटिक्स को शर्मसार किया. हिमा दास विश्व स्तर पर किसी एथलेटिक्स स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. उन्होंने फिनलैंड में आईएएएफ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (400 मीटर) में शीर्ष स्थान हासिल किया. हिमा से पहले कोई भी भारतीय महिला किसी भी स्तर पर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण नहीं जीत सकी थी. वह ट्रैक स्पर्धा में पीला तमगा जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं.

असम की धींग गांव की 18 साल की हिमा फिनलैंड में मिली सफलता के बाद रातोंरात स्टार बन गईं. उन्होंने एशियाई खेलों में 50.79 सेकंड का रिकॉर्ड समय निकालकर रजत पदक जीता. अंतरराष्ट्रीय एलीट वर्ग में उसकी राह इतनी आसान नहीं होगी. वह सत्र के आखिर में एशिया में दूसरे और विश्व में 23वें स्थान पर रहीं. दूसरी तरफ भारत की ओलंपिक उम्मीद बनकर उभरे नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता.

छह फुट लंबे पानीपत के नीरज ने इस साल दो बार अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. उन्होंने एशियाई खेलों में 88.06 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता. नीरज पिछले दो साल में जगाई गई उम्मीदों पर खरे उतरे. वह डायमंड लीग सीरीज में 12 अंक लेकर छठे स्थान पर रहे और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीट की इस लीग में इस मुकाम तक पहुंचने वाले पहले भारतीय एथलीट रहे.

नीरज चोपड़ा

भारत के पास अब नीरज के रूप में विश्व स्तरीय एथलीट है और उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं है, लिहाजा वह टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदक जीतने वाले पहले एथलीट बन सकते हैं. पूर्व विश्व रिकॉर्डधारी चेक गणराज्य के यूवी होन के मार्गदर्शन में नीरज की नजरें अब 90 मीटर का आंकड़ा छूने पर है. उन्होंने इस सत्र के आखिर में विश्व रैंकिंग में छठा स्थान हासिल किया. ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में चोपड़ा मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गए. ओलंपिक चैम्पियन जर्मनी के थामस रोलर ने उन्हें तीन सेंटीमीटर के अंतर से हराया.

जलपाईगुड़ी की स्वप्ना बर्मन ने दांत में दर्द के बावजूद एशियाई खेलों की हेप्टाथलन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा. वह इन खेलों में सोने का तमगा जीतने वाली पहली भारतीय हैं. इक्कीस साल की स्वप्ना ने दो दिन तक चली सात स्पर्धाओं में 6026 अंकों के साथ सोना जीता. इस दौरान उन्होंने ऊंची कूद (1003 अंक) और भाला फेंक (872 अंक) में पहला तथा गोला फेंक (707 अंक) और लंबी कूद (865 अंक) में दूसरा स्थान हासिल किया था. गौरतलब है कि स्वप्ना के दोनों पैरों में छह-छह उंगलियां हैं. मगर वह एशियन गेम्स में सामान्य जूते पहनकर ही उतरी थीं.

स्वप्ना बर्मन

उधर, ट्रिपल जंप खिलाड़ी अरपिंदर सिंह आईएएफ कॉन्टिनेंटल कप में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए. घरेलू एथलेटिक्स में जिनसन जॉनसन ने 800 मीटर में श्रीराम सिंह का 42 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर 45.65 सेकंड का समय निकाला. दुती चंद (महिलाओं की 100 मीटर), मोहम्मद अनस (पुरुषों की 400 मीटर), जॉनसन (पुरुषों की 1500 मीटर) और मुरली श्रीशंकर (पुरुषों की लंबी कूद) ने भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए.

भारतीय एथलीटों ने इस साल एशियाई खेलेां में 19 पदक जीते, जिनमें सात स्वर्ण, 10 रजत और दो कांस्य शामिल थे, जो 1978 बैंकॉक खेलों के बाद भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. राष्ट्रमंडल खेल में भारत ने एथलेटिक्स में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य जीता.

दुती चंद

सत्र के आखिर में हालांकि डोपिंग का साया भारतीय एथलेटिक्स पर पड़ा, जब एशियाई चैम्पियन रिले धाविका निर्मला शेरोन को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया. उनके अलावा मध्यम दूरी की धाविका संजीवनी यादव, झुमा खातून, चक्का फेंक खिलाड़ी संदीप कुमारी, शॉट पुट खिलाड़ी नवीन डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए.

लंबी दूरी के धावक नवीन डागर को भी पॉजिटिव पाए जाने के बाद एशियाई खेलों से बाहर कर दिया गया. इससे पहले केटी इरफान और राकेश बाबू को राष्ट्रमंडल खेलों में ‘नो सीरिंज ’ नीति का उल्लंघन करने के कारण बाहर कर दिया गया था. अनुभवी चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा ने 15 साल के सुनहरे करियर के बाद एथलेटिक्स को अलविदा कह दिया.

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