एमएसीटी का फैसला, सड़क हादसे में मारे गये लड़के के माता-पिता को मिलेंगे 12.93 लाख रुपए
मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण( एमएसीटी) ने टैंपो पलट जाने से मारे गये 20 वर्षीय एक लड़के के माता-पिता को 12.93 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है. एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी एसएस मल्होत्रा ने बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को पीड़ित के माता-पिता को भुगतान करने का निर्देश दिया और कंपनी की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि जिस समय हादसा हुआ, उस समय नीति लागू नहीं थी.
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘अदालत की यह राय है कि इस तथ्य के बावजूद कि बीमा अनुरोध का विषय है और प्रस्ताव और स्वीकृति के सामान्य सिद्धांत उनपर लागू होते हैं फिर भी ऐसे नियमों को एकतरफा तरीके से इंश्योरेंस कंपनी की सनक या पसंद से लागू नहीं किया जा सकता है.’
इस मामले में न्यायाधिकरण ने पीड़ित के पिता विष्णु पासवान और मां अरूण देवी के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया. पीड़ित के माता-पिता ने एमएसीटी से संपर्क किया था और आरोप लगाया था कि उनका बेटा पांच फरवरी 2014 को देवी सरस्वती की प्रतिमा विसर्जित करने के लिए अन्य लोगों के साथ एक टैंपो में गया था. जब वे लौट रहे थे तब टैंपो उत्तर दिल्ली में बवाना के नजदीक पलट गया.
याचिका में बताया गया कि हादसे में टैंपो सवार सभी लोग घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां याचिकाकर्ता दंपती के बेटे जीतेन्द्र को मृत घोषित कर दिया गया.
एमएसीटी ने याचिका पर फैसला करते समय एक प्रत्यक्षदर्शी की गवाही, पीड़ित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, प्राथमिकी, आरोपपत्र और वाहन की मैकेनिकल जांच रिपोर्ट पर भरोसा किया.