एयर इंडिया के कुछ पायलटों ने काम की रफ्तार धीमी की
नयी दिल्ली (एजेंसी)। एयर इंडिया के कुछ पायलटों द्वारा केंद्र सरकार की एक अधिसूचना को लेकर विरोधस्वरूप काम की रफ्तार धीमी करने से उड़ानों पर असर पड़ा है और घाटे में चल रही नागर विमानन कंपनी में फिर से संकट खड़ा हो गया है और । अधिसूचना में एयरलाइंस के पायलटों को कामगार श्रेणी से हटा दिया गया है ।
आज तड़के शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के कारण शाम तक मुंबई की आठ और दिल्ली से रवाना होने वाली पांच उड़ानों समेत कुल 13 उड़ानों में दो घंटे तक की देरी हुई । सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया, एयर इंडिया के कमांडरों के एक वर्ग ने आज सुबह से काम की रफ्तार धीमी कर दी है । इनके विरोध के कारण करीब 13 उड़ानें निर्धारित समय पर उड़ान भरने या उतरने में नाकाम रहीं। इनमें से आठ विमानों को मुंबई से उड़ान भरनी थी जबकि बाकी पांच दिल्ली से रवाना होनी थीं । विमानों के उड़ान भरने में औसतन एक से दो घंटे की देरी हुई। हालांकि एयर इंडिया ने बताया कि कंपनी द्वारा प्रति दिन संचालित करीब 300 उड़ानों में से केवल तीन को पायलटों के नहीं पहुंचने के कारण रदद करना पड़ा। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया, तीन उड़ानों को छोड़कर हमारी सभी उड़ानें निर्धारित समयानुसार संचालित हो रही हैं। नागर विमानन मंत्रालय ने इससे पूर्व श्रम मंत्रालय को पायलटों और इंजीनियरों को कामगार की श्रेणी से बाहर रखे जाने को कहा था ताकि उन्हें हड़ताल पर जाने से रोका जा सके । औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में एक गैर कामगार कर्मचारी की व्याख्या उस कर्मचारी के रूप में की गयी है जो प्रबंधन या प्रशासनिक क्षमता में काम करता है या प्रति माह दस हजार रूपये से अधिक भत्ते पाता है ।