अन्तर्राष्ट्रीय
एरो-3 सिस्टम के साथ इजरायल बना मिसाइल प्रूफ, हमला नहीं कर पाएंगे दूसरे देश
अपग्रेडेड एरो सिस्टम से लैस अमेरिका की तर्ज पर अब इजरायल ने भी अपनी सुरक्षा पुख्ता कर ली है। इजरायल ने अमेरिकी की ही मदद से एरो-3 सिस्टम बना लिया है। इसकी मदद से इजरायल की तरफ आने वाली दुश्मनों की मिसाइलों और रॉकेटों को स्पेस से ही निशाना बनाकर नष्ट किया जा सकेगा। एरो-3 बैलिस्टिक मिसाइल शील्ड को अपग्रेडेड वर्जन है।
इजरायल के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यूएस की मदद से एरो-3 सिस्टम तैयार किया गया है। इजरायल का ये डिफेंस सिस्टम ‘स्टार वॉर्स’ फिल्म की तर्ज पर होगा। इससे देश की तरफ आने वाली मिसाइल-रॉकेट को अंतरिक्ष से मिसाइल दागकर खत्म किया जा सकेगा।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बुधवार को इजरायली एयरफोर्स में एरो-3 सिस्टम को शामिल कर लिया गया। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और अमेरिकी फर्म बोइंग को. ने मिलकर इसे तैयार किया है।
इजरायल के रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक ‘एरो-3’ ‘एरो-2’ का अपग्रेडेड वर्जन है। एरो-2 साल 2000 से ऑपरेशन में है। एरो-3 के जरिए इजरायल पर मिसाइल हमले की आशंका को कम हो जाएगी।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बुधवार को इजरायली एयरफोर्स में एरो-3 सिस्टम को शामिल कर लिया गया। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और अमेरिकी फर्म बोइंग को. ने मिलकर इसे तैयार किया है।
इजरायल के रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक ‘एरो-3’ ‘एरो-2’ का अपग्रेडेड वर्जन है। एरो-2 साल 2000 से ऑपरेशन में है। एरो-3 के जरिए इजरायल पर मिसाइल हमले की आशंका को कम हो जाएगी।
एरो-2 सिस्टम से एटमॉस्फियर के भीतर ही हमलावर मिसाइलों नष्ट किया जा सकता है, जबकि एरो-3 सिस्टम अंतरिक्ष से काम करता है। इसक जरिए मिसाइल अंतरिक्ष में भेजकर वहां से दुश्मन की हमलावर मिसाइल को नष्ट किया जा सकेगा।
एरो-3 के जरिए इजरायल को ऐसा सुरक्षा कवच मिला है, जिससे उस पर न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल या फिर केमिकल हमले का खतरा लगभग खत्म हो गया है।
इजरायल पहले से ईरान की तरफ से बैलिस्टिक मिसाइल हमले का अंदेशा जताता रहा है।
इजरायल के आधुनिक सुरक्षा तंत्र यानी मिसाइलों और रॉकेट से लैस शील्ड सिस्टम को एरो सिस्टम की संज्ञा दी गई है। इसे भी कई कैटेगरी बांटा गया है। इस शील्ड सिस्टम की कम रेंज की मिसाइल का इस्तेमाल इजरायल 2014 में गाजा की लड़ाई के दौरान आतंकियों के खिलाफ कर चुका है।
इजरायल के पास मीडियम रेंज की रक्षा प्रणाली ‘डेविड्स स्लिंग’ भी है। इसके जरिए कम दूरी की मिसाइलों को नष्ट किया जा सकता है। 2006 में ईरान के सपोर्ट वाले लेबनान के गुट हिजबुल्ला के खिलाफ इजरायल इस मीडियम रेंज रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर चुका है।