एलडीए के लापरवाह अफसरों को जबरदस्ती किया गया रिटायर, और पर भी हो सकता है एक्शन
इन 4 राशि वालों पर जल्दी फिदा होती हैं खुबसूरत लड़कियां
सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में एलडीए में इस कार्रवाई की चपेट में और भी कर्मचारी आ सकते हैं। हालांकि इस कार्रवाई में सबसे अधिक प्रत्याशित निलंबित चल रहे बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा का शामिल नहीं होना है।
यह कार्रवाई वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड-2 भाग-2 से चार तक में दिए गए अद्यावधिक संशोधित मूल नियम-56 के खंड सी के अधीन वीसी को मिले अधिकार में हुई है। इस नियम से वीसी कर्मचारियों के नियुक्ति अधिकारी हैं। आदेश बृहस्पतिवार से ही लागू कर दिए गए। यह अधिकारी तीन माह की अवधि के लिए मौजूदा वेतन और भत्ते के बराबर धन के दावेदार होंगे। सेवानिवृत्ति के लाभ भी इन कर्मचारियों को मिलेंगे।
सावधान: इन 12 कामों पर नहीं मिलती भोलेनाथ से माफ़ी, भुगतने पड़ते हैं गंभीर परिणाम..
धीरेंद्र नरायन सिंह, कनिष्ठ लिपिक – बाबू को आश्रयहीन योजना पारा और दूसरी संपत्तियों के निस्तारण में अनियमित कार्य के चलते कई बार निलंबित किया गया। अभी बाबू को पूर्व वीसी ने बहाल कर दिया था।
रामचंद्र, वरिष्ठ लिपिक – रामचंद्र लंबे समय से बीमार हैं। उन्हें लकवा की वजह से बिस्तर पर रहने के लिए डॉक्टर ने सलाह दी है। इसकी वजह से वह एलडीए को अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे थे। उन्हें भी पूर्व में रेंट और संपत्ति विभाग में काम करने के लिए बीच निलंबित किया गया।
कर्मचारियों को सेवा नियमावली के मुताबिक सेवानिवृत्ति दी गई है। सभी कर्मचारी तुरंत सेवा से बाहर माने जाएंगे। उन्हें तीन महीने के वेतन और भत्ते के बराबर भुगतान एलडीए से किया जाएगा।