लखनऊ: देश की नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी का रूट मैप लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में तैयार होगा। इस पर चर्चा करने के लिए आज यानि, शनिवार से देशभर के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस शुरू होगी। इस दौरान एजुकेशन की दिशा और दशा तय करने पर मंथन होगा। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के तत्वावधान में होने वाली इस कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ कुलाधिपति राम नाइक करेंगे। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता (ऑटोनॉमी), यूनिवर्सिटी एक्ट, वित्त और शैक्षिक विकास का मुद्दा चर्चा का प्रमुख विषय रहेगा। केंद्र सरकार ने 31 साल बाद नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनाने की कवायद शुरू की है। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्टेट होल्डर्स के साथ ही आम जनता से भी सुझाव मांगे हैं। इसके तहत एआईयू की तरफ से देशभर के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की यह कॉन्फ्रेंस हो रही है।
विवि के कुलपति प्रो. एसबी निमसे ने कहा कि उच्च शिक्षा में 94 फीसदी योगदान राज्य विश्वविद्यालयों का है, इसलिए इन पर ध्यान दिए बिना विकास की कल्पना करना बेमानी होगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ राज्य विश्वविद्यालय वर्षों पुराने घिसे-पिटे (आउट डेटेड) एक्ट के भरोसे संचालित हो रहे हैं। इसमें अमूल-चूल सुधार की आवश्यकता है। प्रो. निमसे ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सरकार का हस्तक्षेप बंद हो। तभी राज्य विश्वविद्यालयों का विकास होगा और हम दुनिया के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल होंगे।