एशियन गेम्स के फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली शटलर हैं पीवी सिंधु
जकार्ता : 18वें एशियन गेम्स के फाइनल में देश की नंबर एक शटलर पीवी सिंधु ने जगह बना ली है। उन्होंने सोमवार को महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में जापान की अकाने यामागुची को 21-17, 15-21, 21-10 से हराया। वे एशियन गेम्स के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। अब फाइनल में उनका मुकाबला दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइवान की ताई जू यिंग से होगा। पीवी सिंधु की वर्ल्ड रैंकिंग 3 है। जापान की यामागुची वर्ल्ड नंबर-2 हैं। उम्मीद के मुताबिक दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी टक्कर हुई। 65 मिनट तक चले इस मुकाबले का पहला गेम 23 साल की सिंधु ने जीता। अगला गेम जापानी खिलाड़ी के नाम रहा। मुकाबला कांटे का चल रहा था, लेकिन सिंधु ने तीसरे गेम यामागुची को कोई मौका नहीं दिया और 21-10 से गेम और मैच खत्म कर दिया। यह दोनों खिलाड़ियों के बीच सातवां मुकाबला था, सिंधु ने इनमें से 5 मैच जीते हैं।
इससे पहले साइना नेहवाल दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताई जू यिंग से हार गईं। ताइवान की खिलाड़ी ने उन्हें 21-17, 21-14 से हराया। इससे साइना को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। यह एशियन गेम्स में सिंगल्स में उनका पहला मेडल है, यह दोनों खिलाड़ियों के बीच 16वां मुकाबला था। ताई जू यिंग ने इनमें से 11 मुकाबले जीते हैं। भारत ने 2014 में हुए इंचियोन एशियन गेम्स में बैडमिंटन में सिर्फ एक मेडल जीता था, तब उसे महिलाओं ने टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। भारतीय टीम में साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, प्रधन्या गदरे, तनवी लाड, अश्वनी पोनाप्पा, सिक्की रेड्डी, पीसी तुलसी थीं। बैडमिंटन 1962 से एशियन गेम्स में शामिल है। भारत ने अब तक इस खेल में 8 मेडल जीते हैं, ये सभी मेडल ब्रॉन्ज हैं। एशियन गेम्स में बैडमिंटन 56 साल से खेला जा रहा है, अब तक 12 देशों ने मेडल जीते हैं, इनमें से चीन ने सबसे अधिक 101 मेडल जीते हैं। इनमें 40 गोल्ड मेडल शामिल हैं। भारत 8 ब्रॉन्ज के साथ आठवें नंबर पर है।