एसवाइएल पर बढ़ रही तल्खी, रणनीति बनाने मेें जुटे हरियाणा के दल
जेएनएन, हिसार। सुप्रीम कोर्ट ने एसवाइएल के मुद्दे पर हरियाणा के हक में फैसला सुनाने के बाद हरियाणा व पंजाब के सियासी लड़ाई तेज हो गई है। पंजाब के राजनेता अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं फैसला हक में आने के बावजूद हरियाणा के सियासी दल भी इस मुद्दे पर संघर्ष की रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं।
इस मामले को लेकर इनेलो ने 14 नवंबर को पार्टी के नेताओं, विधायकों व कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। दूसरी आेर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसवाइएल के मुद्दे पर आंदोलन का ऐलान कर दिया है। हुड्डा पानी के मुद्दे पर ‘अधिकार का संघर्ष’ के नाम से आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने इसे संबंध में रणनीति बनाने क लिए अपने खेमे के विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्टी प्रतिनिधियों, पूर्व तथा मौजूदा सांसदों की बैठक 15 नवंबर को चंडीगढ़ में बुलाई है।
उधर, प्रदेश सरकार ने 15 नवंबर को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। माना जा रहा कि बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने कहा है कि हमने अपने हिस्से की नहर का निर्माण करा दिया है। अब पंजाब को निर्माण कराना है। वह मना नहीं कर सकता। 2002 के डिग्री (जल बंटवारे समझौते) में यह सब लिखा है। इस डिग्री को एग्जीक्यूट कराने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से कानूनी तौर पर रणनीति तैयार की जा रही है। हमें इसके लिए केंद्र या पंजाब से गुहार लगाने की जरूरत नहीं है।
पंजाब जाने वाली बस सेवा प्रभावित
पंजाब के आक्रामक रुख को देखते हुए लगातार दूसरे दिन बस सेवा प्रभावित रही। शुक्रवार के बाद शनिवार को भी हरियाणा रोडवेज की बहुत कम संख्या में बसें पंजाब के विभिन्न स्थानों के लिए रवाना हुईं और वह भी पुलिस सुरक्षा के साथ। फतेहाबाद, कैथल, सिरसा और अंबाला सहित पूरे प्रदेश से करीब 250 बसें पंजाब के विभिन्न स्थानों पर जाती हैं, लेकिन शनिवार को सिर्फ 60-65 बसें ही पंजाब के लिए रवाना हुईं।