ऐसी पड़ी बारिश की मार, बांधों से रबी की 30 फीसदी फसल को ही सिंचाई
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इसके चलते बांधों में भी पानी कम आया है। बांधों केवल इस समय 45 फीसदी पानी ही आया पाया है। इसमें से करीब पंद्रह फीसदी पानी बांधों में रिजर्व रखना पड़ता है।
इसके चलते बांधों से 30 फीसदी खेतों में ही सिंचाई हो पाएगी। जिले के बांधों से 34 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई की जाती है। ऐसे में दस हजार हेक्टेयर खेतों को ही पानी मिल पाएगा।
किसान फ्लड सिंचाई ना करें
बांधों में पानी की कमी के चलते रबी की फसल में नहरों से पानी भी कम ही मिल पाएगा। इसके चलते जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने किसानों को फ्लड सिंचाई नहीं करने की सलाह दी है। वहीं विभागीय अधिकारियों ने किसानों से आग्रह किया है कि जब नहर चले तो उसे तोड़कर पानी की व्यर्थ ना बहाएं।
कम पानी की फसलें करें
उद्यान विभाग के उपनिदेशक सोमदत्त शर्मा ने बताया कि इस बार पानी की कमी के चलते किसानों को कम पानी की वाली फसलों की बुवाई करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि गेहूं में 3 से 5 तक पानी देना पड़ता है।
वहीं सरसों में एक या दो पानी में काम चल जाता है। इसके अलावा जौ में भी दो या तीन पानी से काम चल जाता है। जहां नहर से सिंचाई होती है और पानी कम पहुंच पाता है। ऐसे इलाके के किसान सरसों की ही फसल करें, जिससे उनको नुकसान नहीं होगा।
जहां ट्यूबवैल व बारिश आदि का पर्याप्त पानी उपलब्ध है, वहां किसान गेहूं की फसल करें। किसान नहर या ट्यूबवैल से फ्लड सिंचाई ना करें, इससे पानी की बचत होगी। ऐसे में फव्वारे से सिंचाई करने पर काफी पानी को बचाया जा सकता है।
जिले में हुई बारिश की स्थिति
स्थान बारिश (मिलीमीटर में)
धौलपुर 323
बाड़ी 431
आंगई 424
बसेड़ी 554
सैंपऊ 303
तालाबशाही 503
उर्मिला सागर 353
राजाखेड़ा 375
जिले के बांधों की स्थिति
बांध पानी (मीटर में)
पार्वती 6.90
रामसागर 3.57
उर्मिला सागर 4.21
तालाबशाही 2.16
हुसैपुर 2.62
उमरेह 0.98
आरटी 0.94
जल संसाधन खण्ड धौलपुर के एक्सईएन बी.एल. मीणा ने बताया कि इस बार बांधों में पानी कम है। इसके चलते नहर में आखरी टेल तक पानी पहुंचाने के लिए दबाव नहीं बन सकेगा।किसान फ्लडसिंचाई ना करें।