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ऑक्सीजन से मौत का कोई डेटा नहीं, क्योंकि केंद्र ने ऑडिट कमेटी नहीं बनाने दी: सिसोदिया

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में हुई ऑक्सीजन की कमी से मौतों के सवाल पर राज्यसभा में केंद्र सरकार के जवाब के बाद हंगामा मचा हुआ है। अपने जवाब में केंद्र सरकार ने मंगलवार (20 जुलाई) को कहा था कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत की कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिसके बाद संबित पात्रा ने आज (21 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की ओर से सफाई पेश की। अब बीजेपी नेता संबित पात्रा के बयान पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रिएक्शन दिया है।

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि दिल्ली सरकार के पास ऑक्सीजन से हुई मौतों की जानकारी नहीं है, लेकिन इसके साथ ही केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के संबंध में कोई डेटा नहीं है, क्योंकि केंद्र ने उन लोगों की मौतों की जांच के लिए एक समिति बनाने की अनुमति नहीं दी, जिनकी मौत कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण अप्रैल से मई के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते हुई थी।

‘केंद्र सरकार खुद नहीं बनाती डेटा, राज्य भेजते हैं’, ऑक्सीजन वाले बयान पर संबित पात्रा ने विपक्ष को दिया जवाब सिसोदिया ने बताया कि जब दिल्ली सरकार ने लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई और मौतों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया। साथ ही उन्हें मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये देने की बात कही, लेकिन केंद्र ने हमें ऐसा नहीं करने दिया। केंद्र सरकार अपने मिसमैनेजमेंट की सच्चाई को छिपाना चाहती है और वो नहीं चाहती कि आंकड़े सामने आए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास अस्पतालों से सैकड़ों मैसेद हैं, जो मुझे ऑक्सीजन की कमी के बारे में बता रहे हैं और अगर उन्हें स्टॉक नहीं मिला, तो मरीज मर जाएंगे। क्या वे झूठ बोल रहे थे?

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