नई दिल्ली: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए में ऑड-ईवन लागू होगा या नहीं इस लेकर शनिवार यानि आज एनजीटी फैसला ले सकता है. इससे पहले शुक्रवार को एनजीटी ने ऑड-ईवन के प्रभावो को जाने बिना इसे लागू करने से मना कर दिया था.एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केन्द्रीय और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में नंबर नियम के दौरान प्रदूषक तत्वों, पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ी हुयी पायी गयी. ऐसे में इस कवायद को जबरन लोगों पर थोपने की अनुमित नहीं दी जा सकती है.
पीठ ने दिल्ली सरकार से नंबर नियम के प्रभावी होने के स्पष्ट प्रमाण और आंकड़ों के साथ रिपोर्ट पेश करने को कहा है जिससे यह साबित हो सके कि इसे लागू करने से प्रदूषण में कमी आती है. एनजीटी ने सरकार से यह बताने को भी कहा है कि नंबर नियम के दौरान महिलाओं और दो पहिया वाहनों को छूट क्यों दी गयी है , जबकि आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में दो पहिया वाहनों की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है.
एनजीटी के इस आदेश से नंबर नियम के भविष्य पर छाये संशय के बादलों को नकारते हुये राय ने कहा कि सरकार इस पहल के सभी पहलुओं की आंकड़ेवार रिपोर्ट पेश करेगी. पूर्व परिवहन मंत्री राय की निगरानी में ही दिल्ली में पिछले दोनों नंबर नियम और ‘‘कार फ्री डे’’ लागू किये गये थे.
इनकी रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने कहा कि नंबर नियम के दौरान दिल्ली के भीतरी इलाकों में प्रदूषक तत्वों पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा में खासी गिरावट दर्ज की गयी थी लेकिन दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर भारी वाहनों की अधिकता के कारण बाहरी इलाकों में इसका असर प्रभावकारी नहीं रहा. उन्होंने कहा कि ‘‘सरकार एनजीटी के समक्ष यह रिपोर्ट पेश कर देगी और अगर एनजीटी कहता है कि नंबर नियम लागू करने का कोई लाभ नहीं है तो सरकार ऐसा नहीं करेगी.’’ इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि ‘‘हम आपकी इस मुहिम को रोकना नहीं चाहते है. यह वास्तव में पर्यावरण के हित में उठाया गया प्रशंसनीय कदम है, लेकिन इसे जिस तरीके से लागू किया जा रहा है वह अवैज्ञानिक और निरर्थक प्रतीत होता है.’’
बता दें दिल्ली और आस पास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू करने के एक दिन बाद एनजीटी ने यह दिशा-निर्देश जारी किया था. इन दिनों के बीच लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने की तरफ आकर्षित करने के लिए दिल्ली सरकार ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में यात्रा पूरी तरह मुफ्त कर दी.