ऑनलाइन खरीदार करेंगे ई-कॉमर्स की दिवाली धमाकेदार
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दस्तक टाइम्स/एजेंसी
बेंगलूरः ऑनलाइन शॉपिंग का खुमार दिवाली की खरीदारी के दौरान भी ग्राहकों के सिर चढ़कर बोलता रहेगा। अनुमान है कि इस दीवाली के मौसम में भारतीय ग्राहक परिधानों और तोहफों की ऑनलाइन खरीदारी के लिए 600 करोड़ डॉलर (करीब 39,000 रुपए) खर्च करेंगे। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 3 गुना है। दिलचस्प है कि इस साल देश में मानसून काफी सुस्त रहा है और इस वजह से पड़े सूखे ने कृषि वाले एक-तिहाई क्षेत्रों की हालत बहुत खस्ता कर दी है। गूगल इंडिया में ई-कॉमर्स के निदेशक नितिन बावनकुले ने कहा, ”ग्राहकों का जो तबका ऑनलाइन खरीदारी करता है, जाहिर तौर पर वह वृद्घि आर्थिक कारकों से बहुत अधिक प्रभावित नहीं होती है। उनके वेतन, उनकी आय में कोई कमी नहीं आई है। उन पर सूखे और अर्थव्यवस्था में छाई मंदी का कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसलिए शीर्ष 10 करोड़ लोग ऑनलाइन खरीदारी करने में सक्षम हैं और मुमकिन है कि वे दुकानों के बजाय ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दें।” दिसंबर तक ऑनलाइन खरीदारी कर चुके लोगों की संख्या 6 करोड़ होगी, जो पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी से ज्यादा है। इसकी वजह स्मार्टफोन की बेहतर पहुंच, इंटरनैट की बैंडविड्थ बढऩा और देश में ऑनलाइन स्टोरों की संख्या में आई जबरदस्त तेजी। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन खरीदारी करने का फैसला अब 15 से 25 वर्ष की आयु वर्ग वाले युवाओं के जिम्मे है, जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने व ऑनलाइन खरीदारी आसानी से करते हैं।
भारत में नए परिधानों और वस्तुओं पर होने वाले कुल खर्च का करीब 40 फीसदी सितंबर से दिसंबर के दौरान होता है। इस अवधि में दिवाली और दशहरा जैसे त्योहार पड़ते हैं। बावनकुले ने बताया, ”हमारा अनुमान है कि इस दिवाली के दौरान भारत में ई-कॉमर्स पर खरीदारी पिछले साल की खरीदारी के मुकाबले ढाई से 3 गुना अधिक रहेगी। पिछले साल त्यौहारी मौसम में ई-कॉमर्स पर 200 करोड़ डॉलर की खरीदारी हुई थी।” गूगल के अनुमान के अनुसार वर्ष 2015 में भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में करीब 1000 करोड़ डॉलर मूल्य के उत्पाद बिकेंगे, जबकि 2014 में यह आंकड़ा 450 करोड़ डॉलर था। बावनकुले ने बताया, ”800 करोड़ डॉलर मूल्य की खरीदारी सिर्फ फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और स्नैपडील पर ही होगी।” पिछले साल अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और गूगल जैसी कंपनियों ने ऑनलाइन शॉपिंग फेस्टिवलों का आयोजन किया था, जिन्हें ग्राहकों ने हाथोंहाथ लिया था। अब ये कंपनियां ज्यादा बड़े और ज्यादा शानदार ढंग से आ रही हैं।
गूगल उपभोक्ता इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर इत्यादि के साथ मिलकर काम कर रही है, जिससे उनके उत्पादों के सैंपल देश भर में लाखों ग्राहकों तक पहुंचाकर उन्हें ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए प्रेरित किया जा सके। गूगल का उद्देश्य 2018 तक 2 करोड़ लघु एवं मझोले कारोबारों को ऑनलाइन लाना है। इसके लिए गूगल ने माईबिजनेस पहल शुरू की है। गूगल का अनुमान है कि 2020 तक भारत में ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या बढ़कर 20 करोड़ से अधिक हो जाएगी।