व्यापार

ऑनलाइन सामान खरीदना होगा महंगा

नई दिल्ली (एजेंसी )। जुलाई महीने से ई-कॉमर्स कंपनियों से खरीदारी फायदे का सौदा नहीं रह जाएगा। अभी आए दिन ई-कॉमर्स कंपनियों अपने प्लेटफॉर्म पर सेल व महासेल का आयोजन करती रहती हैं, जहां ग्राहक बाजार के मुकाबले १०-२५ फीसदी तक सस्ते दाम पर सामान की खरीदारी करते हैं, लेकिन एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद इस प्रकार की सेल का आयोजन आसान नहीं रह जाएगा। जीएसटी के तहत ई-कामर्स कंपनियों व ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले विक्रेताओ दोनों के लिए पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। उन्हें किसी प्रकार की कोई सीमा रेखा छूट भी नहीं दी गई है, वहीं २० लाख रुप तक का कारोबार करने वाले दुकानदार जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे। अमेजॉन, स्नैपडील व फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के अनुमान के मुताबिक जी.एस.टी. के नियम के तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री करने वाले विक्रेताओ से उन्हें पहले ही १ फीसदी का कर लेना होगा। इससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री करने वाले विक्रेताओ की ४०० करोड़ रुपए की पूंजी साल भर के लिए फंस जाएगी। कार्यशील पूंजी फंसने से उनकी लागत बढ़ेगी और उसकी वसूली खरीदारों से ही की जाएगी।
सतीश मोरे/२७अपै्रल/११.५०

Related Articles

Back to top button