ऑस्ट्रेलिया में 70 साल लंबा इंतजार खत्म कर सकती है विराट कोहली की टीम
नई दिल्ली : एक नई टेस्ट सीरीज की शुरुआत में कई संभावनाएं बनी रहती हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच छह दिसंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज की बात करें तो विराट कोहली ऐंड कंपनी का दावा मजबूत माना जा रहा है। इनके पीछे तथ्य और कई मजबूत कारण मौजूद हैं। कोहली की कप्तानी 2014-15 से अब तक भारत ने 46 में से 26 मैच जीते हैं। इस दौरान भारतीय टीम टेस्ट में पहले पायदान की टीम भी बनी। घरेलू मैदानों पर बड़ी जीत की बदौलत भारत ने पिछली 15 टेस्ट में से 11 में जीत हासिल की है। इस दावे को सिर्फ एक ही बात से टक्कर मिलती है। वह है ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में भारतीय टीम का प्रदर्शन कोहली की कप्तानी में भी बहुत अधिक नहीं सुधरा है। विदेशी धरती पर भारतीय टीम के लिए जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। और श्री लंका व वेस्ट इंडीज को घरेलू और विदेशी दौरों पर हराने के अलावा साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के प्रदर्शन में कुछ सुधार देखा गया। भारत ने यहां एक-एक टेस्ट मैच जीता। लेकिन कुल मिलाकर साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में टीम सीरीज जीतने के मिशन में असफल रही। ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतना भारत के लिए बड़ी बात होगी चूंकि विदेशी टीमों को अकसर यहां मुश्किल पेश आती है। इंग्लैंड ने 1990 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार (2010-11) में यहां एशेज सीरीज जीती है। 70 और 80 के दशक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर राज करने वाली वेस्टइंडीज की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में 15 में सिर्फ चार टेस्ट सीरीज जीतीं और एक ड्रॉ खेली। हाल ही के दिनों में साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को चुनौती दी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी वापस की बाद से उन्होंने सात टेस्ट सीरीज में तीन जीती हैं और एक ड्रॉ रही है। आने वाली सीरीज में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने वाली पहली उपमहाद्वपीय टीम बन सकती है। भारत और पाकिस्तान पिछले 11 दौरों में ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने में असफल रहे हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान ने तीन सीरीज ड्रॉ करवाई हैं और चार टेस्ट मैच जीते हैं। वहीं भारत ने दो बार (1980-81, 2003-04) में सीरीज ड्रॉ करवाई हैं और ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 44 टेस्ट मैचों में से पांच जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने के सबसे करीब 2003-04 में आई थी। सौरभ गांगुली की टीम ने सिडनी में जीत के मुहाने पर पहुंची थी। हालांकि स्टीव वॉ और साइमन कैटिच की साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को हार से बचा लिया था। इसी के साथ सीरीज 1-1 से बराबरी पर खत्म हुई थी। अब कोहली ऐंड कंपनी के पास 70 साल का इंतजार खत्म करने का मौका है।
भारतीय टीम सभी पहलुओं से मजबूत नजर आ रही है। ऑस्ट्रेलिया न सिर्फ टेस्ट रैंकिंग में पांचवें स्थान पर खिसक गई है लेकिन साथ ही एक टीम के रूप में भी वह जूझती हुई नजर आ रही है। इतना ही नहीं टीम अपने दो महत्वपूर्ण बल्लेबाजों- स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर- के बिना मैदान पर उतरेगी। इन दोनों खिलाड़ियों पर केपटाउन टेस्ट में बॉल टैंपरिंग विवाद के बाद से एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने पिछले 26 में से 12 टेस्ट गंवाए हैं। कहते हैं इतिहास बनाने के लिए कई बार आपको संख्याओं को नजरअंदाज करना होता है। कोहली भी पिछली बातों का बोझ लेकर नहीं चलते। वह भी जानते हैं कि नया रचने के लिए नया सोचना जरूरी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच पाती है या नहीं।