ओला, उबर ड्राइवरों के लोन डिफॉल्ट से बैंक परेशान
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लगातार बढ़ रहे डिफाल्ट के मामले
मुंबई (एजेंसी)।टैक्सी एग्रीगेटर एप कंपनियों ओला और ऊबर के प्लैटफॉर्म पर रजिस्टर्ड ड्राइवरों के बढ़ते डिफॉल्ट ने देश के बैंकरों की नींद उड़ा दी है। बैंक अब इस सेगमेंट में कुछ मामलों में नए लोन देने से कतरा रहे हैं और उन्होंने रिकवरी की कोशिशें तेज कर दी हैं। ऊबर और ओला जैसी कंपनियां अपनी कॉस्ट कम करने की कोशिश कर रही हैं, जिससे उनका नुकसान घटे। वे ग्रोथ की बहुत चिंता नहीं कर रही हैं। इससे कभी फर्राटा भर रही इस इंडस्ट्री की स्पीड कम हो गई है।
बेंगलुरु में इस सेगमेंट में 20 पर्सेंट लोन डिफॉल्ट के बाद एसबीआई ने ओला के प्लैटफॉर्म पर कार चलाने वाले ड्राइवर्स को लोन देना बंद कर दिया है। टैक्सी एग्रीगेटर एप के लिए बेंगलुरु सबसे बड़ा मार्केट है। एसबीआई मुंबई में स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज के चीफ जनरल मैनेजर गोपाल कृष्णन कंसल ने कहा, ‘बेंगलुरु में इस सेगमेंट में 60 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट सामने आ चुका है।बैंक ने पिछले कुछ महीनों के दौरान ओला नेटवर्क पर रजिस्टर्ड ड्राइवर्स को कर्ज बंद करने का फैसला किया है। कंसल ने बताया,हम हैदराबाद और चेन्नई में अभी भी ओला के ड्राइवर्स को कर्ज दे रहे हैं, जहां डिफॉल्ट रेट 7 पर्सेंट के करीब है।इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों के मुताबिक, इस सेगमेंट के लिए आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा फाइनेंस और टाटा मोटर्स फाइनेंस भी लोन दे रहे थे। आईसीआईसीआई बैंक ने इस खबर के लिए कमेंट करने से मना कर दिया। महिंद्रा फाइनेंस, टाटा मोटर्स, ऊबर और ओला ने भी ईमेल के जरिये पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।
आशीष/ईएमएस/25अपैल 2017