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ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को थकान के कारण हुआ तेज बुखार, कोरोना टेस्ट नेगेटिव

टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में भारत को एथलेटिक्स का पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले भारत के जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को तेज बुखार हुआ था. हालांकि अब उनकी हालत में सुधार है. खबरों के मुताबिक उन्हें थकान के कारण बुखार हुआ था. उनकी कोरोना टेस्ट नेगेटिव आई है. नीरज जिस दिन से भारत आए हैं उस दिन से ही वह लगातार कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें थकान होना लाजमी था. नीरज ने टोक्यो ओलिंपिक में पुरुषों के जैवलिन थ्रो इवेंंट में भारत के लिए सोना जीता था. ये इस इवेंट में ही नहीं बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में देश को मिला पहला पदक है.

भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने फाइनल मुकाबले में 87.58 मीटर तक भाला फेंक गोल्ड मेडल भारत की झोली में डालने का काम किया था. इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल भारत के नाम हुआ था जबकि सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल पर चेक गणराज्य का कब्जा रहा था. टोक्यो ओलिंपिक में जीते गोल्ड मेडल का फायदा नीरज चोपड़ा की वर्ल्ड रैंकिंग में भी हुआ. टोक्यो ओलिंपिक से पहले जहां वो 16वें पायदान पर थे वहीं अब ओलिंपिक चैंपियन बनने के बाद वो वर्ल्ड नंबर 2 हो गए हैं. यानी उनकी रैंकिंग में 15 पायदान का उछाल आया है.

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो से गोल्ड जीतकर लौटने के बाद अपने नए लक्ष्य का खुलासा भी किया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने नए टारगेट के बताया. उन्होंने कहा कि उनका अगला मिशन अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतकर अंजू बॉबी जॉर्ज के क्लब में शामिल होना है. अंजू जॉर्ज वर्ल्ड एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाली इकलौती भारतीय हैं. उन्होंने साल 2003 में पेरिस में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता था. नीरज का इरादा अगले साल अमेरिका में होने वाले वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीतने का है.

टोक्यो ओलिंपिक में नीरज की सफलता में उनके कोच डॉक्टर क्लॉस बार्टोनीट्ज का अहम रोल रहा है. ओलिंपिक्स के बाद जब क्लॉस जर्मनी में अपने गांव पहुंचे तो हैरानी हुई कि वहां नीरज के गोल्ड मेडल की खुश मनाई जा रही थी. क्लॉस का यह छोटा सा गांव ईस्ट जर्मनी में जंगलों के बीच घिरा हुआ है. इतना ही नहीं यहां के लोगों के लिए क्लॉस अब एक सेलिब्रिटी बन गए हैं. उनके पूरे गांव ने नीरज का इवेंट टीवी पर देखा और उनके फैन हो गए.

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