और घातक होने से पहले करें कोरोना को कंट्रोल, वरना डेल्टा वेरिएंट मचाएगा तबाही: WHO
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड -19 का डेल्टा वैरिएंट दुनिया के लिए एक चेतावनी है। इससे पहले कि यह और भी बदतर हो जाए, इसे कम करना होगा। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पहले ही भारत में पाया गया तेजी से फैलने वाला ये वैरिएंट अब 132 देशों और क्षेत्रों में सामने आया है।
कॉल टू एक्शन है डेल्टा वैरिएंट
डब्ल्यूएचओ के आपात निदेशक माइकल रयान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “डेल्टा एक चेतावनी है: यह एक चेतावनी है कि वायरस विकसित हो रहा है, लेकिन यह एक कॉल टू एक्शन है जिसे हमें और अधिक खतरनाक वैरिएंट के सामने आने से पहले समझना होगा”। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा: “अब तक, चिंता देने वाले कोरोना के चार वैरिएंट सामने आए हैं – और जब तक वायरस फैलता रहेगा तब तक और भी आते रहेंगे।” टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के छह क्षेत्रों में से पांच में पिछले चार हफ्तों में एवरेज संक्रमण 80 प्रतिशत बढ़ा है।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अब भी कारगर
रयान ने कहा कि , हालांकि डेल्टा ने कई देशों को हिला दिया है लेकिन ट्रांसमिशन को नियंत्रण में लाने के लिए सिद्ध उपाय अभी भी काम कर रहे हैं – विशेष रूप से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, हाथों की सफाई आदि। उन्होंने कहा “वायरस फिटर हो गया है, वायरस तेज हो गया है। गेम प्लान अभी भी काम करता है, लेकिन हमें अपने गेम प्लान को पहले से कहीं अधिक कुशलता से और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।”
कोरोना की चौथी लहर का कारण बन रहा डेल्टा
बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामले एक ओर जहां भारत में तीसरी लहर की दस्तक के संकेत दे रहे हैं, वहीं दुनिया के कई देशों में डेल्टा कोरोना की चौथी लहर का कारण बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने मिडिल ईस्ट यानी मध्य-पूर्व के देशों में चौथी लहर का रूप ले लिया है और वहां कोरोना वायरस के मामलें में तेज वृद्धि की है। बता दें कि मिडिल ईस्ट के देशों में टीकाकरण दर काफी कम है। वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि WHO के पूर्वी भूमध्य क्षेत्र के देशों में डेल्टा वेरिएंट की वजह से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है और यह वेरिएंट कोरोना से मौतों को बढ़ावा दे रहा है। कोरोना की चौथी लहर को लेकर इलाके के 22 देशों में से अब तक 15 में से रिपोर्ट किया जा रहा है।