औषधीय गुणों से भरपूर है मेहंदी
मेहंदी का नाम आते ही आपके दिमाग में हाथों पर रची खूबसूरत डिज़ाइन या फिर सफ़ेद बालों को छुपाने के लिए इस्तेमाल की बाते ही आती होंगी। मेहंदी वार त्यौहार में रचाने और बालों को रंगने के तो काम आती ही है लेकिन इसके अलावा भी मेहंदी के कई औषधीय गुण भी है जो बहुत सी शारीरिक समस्याओं का संधान करने में सहायक है.
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यदि मेंहदी को नाखूनों पर लगाया जाए, नाखूनों की चमक बढ जाती है और यदि कोई बर्निन्ग फ़ीट सिन्ड्रोम से परेशान है, मेंहदी का लेप तालुओं मे लगातार लगाया जाए, कुछ ही दिनों में समस्या का अंत हो जाता है। शहजीरा और मेंहदी के बीजों को साथ मिलाकर पीस लिया जाए और इसमें सिरका या पानी मिलाकर इसका लेप तैयार कर माथे पर 20 मिनट लगाया जाए तो सरदर्द और माईग्रेन में आराम मिलता है। मेंहदी बालों के लिये उत्तम है, ये बालों का झडना भी कम कर देती है। यदि कपडों और किताबों की अलमारी में इसकी सूखी पत्तियाँ रख दी जाए तो कीडे नही पडते। जानवरों को यदि बार बार मल के साथ खून आ रहा हो तो मेंहदी की पत्तियाँ खिलाने से आराम मिलता है।
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मेहंदी के पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। मेहंदी के ताजे पत्तों को अच्छे से पीसकर उसका लेप अपने पैरों के तलवों और हाथों में लगाएं। इससे आपको उच्च रक्तचाप में फायदा मिलेगा। पीलिया को ठीक करने के लिए रात में दो सौ ग्राम पानी में सौ ग्राम मेंहदी के पत्तों को कूटकर भिगों लें। सुबह के समय इसे छानकर पीएं। इस उपाय को लगभग एक सप्ताह तक नियमित करें। मेंहदी के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर इसका नियमित सेवन करने से चमड़ी के हर तरह के बिमारी ठीक हो जाती है.