कंगाल पाक ने अब अपने सरकारी कर्मचारियों को सुनाया यह फरमान
इस्लामाबाद । आर्थिक कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। यही वजह है कि पड़ोसी मुल्क के हुक्मरानों को पैसों के जुगाड़ के लिए नित नए फरमान जारी करने पड़ रहे हैं। अब पाकिस्तानी सरकार ने अपने सभी सरकारी कर्मचारियों को हुक्म दिया है कि वो पहली सितंबर तक अपनी संपत्तियों का ब्यौरा हर हाल में जमा कर दें। इमरान खान की सरकार ने सभी संघीय मंत्रालयों, संस्थानों एवं पीओके एवं गिलगित बाल्टिस्तान की राज्य की सरकारों को यह आदेश जारी किया है।
समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अलग सरकारी ज्ञापन में प्रबंधन ग्रेड के अधिकारियों के लिए 15 फीसद तदर्थ राहत भत्ता (ARA), चुनिंदा निगमों और स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों के लिए 5-10 फीसदी ARA के लाभ देने की बात कही गई है। सरकार ने सभी संघीय मंत्रालयों और डिवीजनों के सचिवों, चार प्रांतों के मुख्य सचिवों (पीओके), राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के चेयरमैन, संघीय कर लोकपाल, चुनाव आयोग, इंटेलिजेंस ब्यूरो एवं ऑडिटर जनरल से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों की संपत्तियों का ब्यौरा जमा कराएं।
बता दें कि गहरे आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान ने इस साल सऊदी अरब और चीन से दो अरब डॉलर का कर्ज लिया है। पाकिस्तान में महंगाई दर लगभग 10.35 फीसद है। जानकारों की मानें तो भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म कर पाकिस्तान ने अपने लिए मुसीबत बढ़ा ली है। पाकिस्तान के उसकी महंगाई दर 11 फीसद तक पहुंचने का अनुमान है। यही नहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 300 बिलियन डॉलर (करीब 212 खरब रुपये) से भी नीचे आ गई है। उनका विदेशी मुद्रा भंडार भी निचले स्तर पर है। यही कारण है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों की नींद उड़ी हुई है और वे तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।