कंपनी आल्सटॉम बनाएगी लखनऊ मेट्रो की डिजाइन
लखनऊ. मेट्रो के पहले फेज वन ए के लिए लखनऊ मेट्रो कॉरपोरेशन बीस मेट्रो ट्रेन खरीदेगा। हर ट्रेन चार कोच की होगी। इन ट्रेनों की डिजाइन फ्रांस की कंपनी आल्सटॉम बनाएगी। इसकी मैन्युफैक्चरिंग चेन्नई के पास बने प्लांट आल्सटाम ट्रांसपोर्ट लिमिटेड में किया जाएगा। मेट्रो के जनसंपर्क अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि रोलिंग स्टॉक स्टैंडर्ड के टेंडर में तीन कंपनियों ने भाग लिया था, जिसमें टेक्निकल और सबसे कम वैल्यु लागत वाली कंपनी आल्सटॉम को टेंडर दिया गया। इसकी लागत करीब 1069.81 करोड रुपए आएगी। कंपनी उन सभी शर्तों पर खरी उतरी, जिसे बोर्ड ने स्वीकृति दी थी। कंपनी को 65 हफ्तों के अंदर इन कारट्रेन की सप्लाई करनी होगी।लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव ने बताया कि हर मेट्रो स्टेशन हर एक किलोमीटर की दूरी पर होगा। मेट्रो की स्पीड 90 किमी प्रति घंटे की होगी, जबकि इसकी औसत गति 34 से 35 किमी प्रति घंटे होगी। उन्होंने बताया कि मेट्रो के कोच के लिए जो प्रारंभिक डिजाइन तय हुए हैं उसमें यात्रियों की सुविधाओं का खासा ध्यान रखा गया है। कोच को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह कम बिजली खपत के साथ आरामदायक और सुरक्षित होगा। इतना ही नहीं इसमें न तो ज्यादा शोर होगा और यह इकोफ्रेडंली भी होगा। उन्होंने बताया कि कोच स्टेनलेस स्टील के बने होंगे, जोकि काफी हल्के होते हैं।मेरठ में मेट्रो को लेकर हलचल तेज, मंडलायुक्त ने प्रोजेक्ट की दी जानकारीडीएम ने किया लखनऊ में प्राणि उद्यान का दौरा, जानवरों के बारे में ली जानकारीलखनऊ: स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद तेज, जल्द पूरी होगी कंसल्टेंट की प्रक्रियाखास बात यह है ये ट्रेन बिजली की कम खपत करने वाली होगी। जब ट्रेन की ब्रेक लगाई जाएगी तो इसके ब्रेक से जो बिजली रिजनरेट होगी वो इलेक्ट्रिक इनर्जी सिस्टम के तहत ओवरहेड में सुरक्षित होगी। इसके परिणामस्वरुप करीब 30 से 35 फीसदी बिजली की बचत होगी। वहीं ट्रेन के पूरे सिस्टम की मॉनीटरिंग माइक्रो प्रोसेसर आधारित ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम यानि टीसीएमएस करेगा। ट्रेन में सेफ्टी का विशेष ध्यान रखा गया है। इसमें किसी भी विस्फोटक सामग्री और धुआं जैसी चीजों का पता लगाने के लिए सिस्टम रहेगा। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षित निकासी हो सके। इसका भी ध्यान रखा जाएगा।ट्रट्रेन के अदंर सुरक्षा के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए एनाउंसमेंट सिस्टम भी होगा। ताकि लोगों को पता चल सके कि आने वाला स्टेशन कौन सा है। पब्लिक डिस्पले सिस्टम भी होगा। पूरी मेट्रो सीसीटीवी से लैस होगी। इसके साथ आपात स्थिति के लिए कम्युनिकेशन फैसिलिटी भी होगी। विकलांगों के लिए व्हील चेयर स्पेस भी होगा। लखनऊ की मेट्रो ट्रेन कंट्रोल एंड सिग्नलिंग सिस्टम की खासियत उसकी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन और कैब सिग्निलिंग के साथ ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम, ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन सिस्टम और ऑटोमेटिक रूट सेटिंग और ऑटोमैटिक ट्रेन रेग्युलेशन होगा।