उत्तर प्रदेश

कई सपा नेताओं का भविष्य तय करेगा तीसरा चरण

लखनऊ। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के महासमर में सभी सियासी दलों के सूरमाओं का फैसला रविवार को जनता कर रही है। इस चरण में 12 जिलों की 69 सीटों पर सियासी योद्धा आमने-सामने हैं। अभी तक हुए दोनों चरण के मतदान के बाद सभी सेनानायक अपनी-अपनी बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि जनता ने किसके सिर पर ताज पहनाया है, यह 11 मार्च को नतीजे सामने आने के बाद ही साफ हो सकेगा। तीसरे चरण का चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह उसका गढ़ माना जाता है। इस बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सपा के वर्चस्व को तोड़ने के लिए कड़ी चुनौती दे रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तीसरे चरण में बढ़त की उम्मीद है, जिससे यूपी विधानसभा में बहुमत का कमल खिल सके। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा ने तीसरे चरण की 69 में से 55 सीटें जीती थीं। वहीं बसपा को 06 और भाजपा को 05 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 02 सीटें और 01 सीट निर्दलीय प्रत्याशी को हासिल हुई थी।
तीसरे चरण में विभिन्न दलों के प्रमुख प्रत्याशियों पर नजर डालें तो जसवन्तनगर सीट से मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव, लखनऊ कैण्ट सीट से मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव और मौजूदा भाजपा विधायक रीता बहुगुणा जोशी, सरोजनी नगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अनुराग यादव, हरदोई सदर से प्रदेश के राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल, लखनऊ मध्य से सपा विधायक एवं मंत्री रविदास मेहरोत्रा और भाजपा प्रत्याशी बृजेश पाठक, लखनऊ की मोहनलालगंज से आर.के. चौधरी, बाराबंकी की जैदपुर विधानसभा से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पी.एल. पुनिया के बेटे तनुज पुनिया, कानपुर की महाराजपुर से भाजपा के विधायक सतीश महाना और उन्नाव की भगवंतनगर से हृदय नारायण दीक्षित हैं।

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