कठुआ कांड पर वकीलों के रवैए की जांच करने जम्मू आई बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की टीम से बार एसोसिएशन ने एक सुर में दो टूक कहा कि उन्हें क्राइम ब्रांच की जांच पर एतबार नहीं। इंसाफ के लिए सीबीआई जांच जरूरी है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम शुक्रवार को करीब 12 बजे जम्मू हाईकोर्ट पहुंची। इस टीम में बार काउंसिल की टीम के सदस्य रिटायर्ड जस्टिस तरुण अग्रवाल, एस. प्रभाकरन (बीसीसीआई के सह अध्यक्ष) रजिया बेग (बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड की पूर्व अध्यक्ष) नरेश दीक्षित (पटना हाईकोर्ट के वकील), रामचंद्रन जी शाह शामिल थे। टीम ने सबसे पहले पीड़ित परिवार की वकील दीपिका सिंह रजावत से मुलाकात की।
रजावत का आरोप था कि उन्हें हाई कोर्ट में पेश होने से रोका गया। हाईकोर्ट के सामने पार्क में करीब आधा घंटा तक दीपिका से बातचीत करने के बाद टीम बार रूम में वकीलों से मिली। टीम ने वकीलों से पूछा कि वह केस को सीबीआई को क्यों सौंपना चाहते हैं? टीम से बार ने कहा कि सीबीआई जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वकीलों ने एक मत से कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए। जम्मू में गुज्जरों और डोगरों के बीच आपसी विद्वेष पैदा करने की साजिश है।
केस की जांच शुरू से ही सही दिशा में नहीं है। कई मासूम लोगों को फंसाया गया है। पीड़ित बच्ची की हत्या हुई और उसे इंसाफ दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम में कई दागी अफसर हैं। कई महिला वकीलों ने भी बार काउंसिल की टीम के समक्ष केस को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का पक्ष रखा।
इससे पहले वीरवार को टीम ने कठुआ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। साथ ही रसाना गांव जाकर देवस्थान का मुआयना किया था जहां बच्ची के साथ रेप की बात कही जा रही है। आरोपी सांझी राम के परिवार वालों से बात करने के साथ ही रसाना गांव के लोगों से भी घटना के विषय में जानकारी हासिल की थी। बताते चलें कि बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये जांच दल यहां भेजा था। जांच दल की रिपोर्ट काउंसिल के जरिए सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी।
कोर्ट में लगे भारत माता की जय के नारे
करीब एक घंटे तक वकीलों ने भारत माता की जय, बार एसोसिएशन जम्मू जिंदाबाद के नारे भी लगाए। इस बीच मीडिया और सरकारी वकीलों को बार रूम में नहीं जाने दिया गया। तीन गाड़ियों में हाईकोर्ट पहुंचे टीम के सदस्य शुक्रवार दोपहर बाद दिल्ली लौट गए।
टीम ने पूछा क्यों रोका महिला वकील को?
बार काउंसिल की टीम ने बार एसोसिएशन के सदस्यों से हाईकोर्ट में पीड़ित बच्ची की महिला एडवोकेट को पेश होने से रोकने व बार प्रधान की ओर से धमकी देने के बारे में पूछा।
बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट भूपेंद्र सिंह सलाथिया ने कहा कि बार एसोसिएशन की छवि को धूमिल करने के लिए उन पर आरोप लगाए गए हैं। एडवोकेट दीपिका सिंह रजावत ने पीड़ित बच्ची के परिवार की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी। वह हाईकोर्ट में हर तारीख पर पेश हुई हैं। हर सुनवाई के दिन उनकी मौजूदगी के रिकार्ड हैं। उन्हें कभी- किसी ने नहीं रोका और न कोई धमकी दी है।
बार ने एक दिन पहले रसाना पहुंचने का किया था आग्रह
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि बार ने टीम से आग्रह किया था कि वह एक दिन पहले रसाना पहुंचे। पहले उनका कार्यक्रम 20 अप्रैल को पहुंचने का था। उनके आग्रह पर ही टीम एक दिन पहले 19 अप्रैल को पहुंची थी। कठुआ बार एसोसिएशन ने भी अपना पक्ष रखा है। टीम ने रसाना का भी दौरा किया। करीब एक हजार वकीलों की मौजूदगी में दस्तावेजों को सौंपा गया कि क्यों बार सीबीआई को केस सौंपने के पक्ष में है।