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कन्फर्म टिकटों को प्रतीक्षा सूची में डाल रद्द कर रहा रेलवे

रेलवे कन्फर्म टिकटों को बिना यात्री की जानकारी के प्रतीक्षा सूची में डालकर उन्हें रद्द कर रहा है। पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं, ऐसे यात्रियों को टिकट रद्द कराने बहुत कम पैसे वापस मिल रहे हैं। 30 सितंबर को अमृतसर जाने के लिए महीने भर पहले टिकट कराने वाले सिद्धार्थ दीक्षित ने बताया कि उन्होंने अमृतसर शताब्दी में का टिकट बुक कराया था। 29 सितंबर की रात को उनका टिकट कन्फर्म हो गया था। टिकट कन्फर्म होने के बाद दीक्षित परिवार ने जाने की पूरी तैयारी कर ली। 30 सितंबर सुबह 4:30 बजे रेलवे से संदेश आया कि आपका टिकट प्रतीक्षा सूची में है।कन्फर्म टिकटों को प्रतीक्षा सूची में डाल रद्द कर रहा रेलवे

सिद्धार्थ ने बताया कि उन्हें इस संदेश पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि एक बार कन्फर्म होने के बाद टिकट कैसे प्रतीक्षा सूची में कैसे जा सकता है। इस पर उन्होंने स्टेशन जाकर जांच करने का प्रयास किया। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की 65 नंबर खिड़की से उन्हें सिर्फ इतना बताया गया कि ट्रेन में कोच कम हैं, इसीलिए उनके टिकट को प्रतीक्षा सूची में डाला गया है। स्टेशन मास्टर को भी इस संबंध में कुछ नहीं पता था। बाद में उन्हें बताया गया कि उनका टिकट रद्द कर दिया गया है। सिद्धार्थ ने बताया कि जाने में देरी होने से वापसी का दिन भी बदलना पड़Þा, लिहाजा वापसी के टिकट रद्द कराने पड़े। यहां भी रेलवे ने उन्हें चपत लगाई और टिकट रद्द कराने पर पैसे काट लिए। टिकट बुक कराने में 2005 रुपए खर्च हुए थे लेकिन वापस मिले केवल 1,245 रुपए।

एक अन्य यात्री शुभ्रा मिश्र ने बताया कि उनके साथ भी ऐसा वाकया हुआ है। उन्हें भी पिता और बहन के साथ अमृतसर जाना था। इंटरनेट पर टिकट को कन्फर्म बताया गया, लेकिन यात्रा वाले दिन टिकट फिर से प्रतीक्षा सूची में दिखाई देने लगा। स्टेशन पहुंचने पर पता चला कि उनका टिकट भी रद्द हो गया है। अमृतसर में होटल व रेलवे का वापसी का टिकट भी शुभ्रा ने पहले से बुक करा लिया था। अगर अमृतसर नहीं जाते तो उनका भी नुकसान उठाना पड़ता। इसलिए उन्होंने टैक्सी से जाने का विकल्प चुना जिसमें करीब 15000 रुपए किराया लगा। शुभ्रा ने टिकट पर 1650 रुपए खर्च किए थे, लेकिन वापस मिले सिर्फ 1080 रुपए। कुछ और यात्रियों ने भी बताया कि उनके साथ भी पहले ऐसे वाकये हो चुके हैं।

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उत्तर रेलवे के मुख्य प्रवक्ता नीरज शर्मा ने बताया कि इस तरह की दिक्कत कोच की उपलब्धता न होने से आती है। आमतौर से अतिरिक्त कोच लगाकर बचे यात्रियों का भी समाधान कर दिया जाता है, लेकिन शनिवार को कोच उपलब्ध न होने के कारण यह मुश्किल आई। आगे ऐसी दिक्कत न हो इसके लिए जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जितने नियमित कोच हों उतने ही टिकट बुक किए जाएं।

 

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