कप्तान बाबा की मज़ार पर प्रेमिकाएं चढ़ाती हैं सिगरेट
प्रेमी-प्रेमिकाओं में ज्यादा लगाव
लखनउ : भारत एक ऐसा देश हैं, जहां लोगों की आंख मंदिर के घंटे और नामज़ की अजान से खुलती है। तरह-तरह की आस्थाओं और परंपराओं वाले इस देश में अब तक आपने मज़ारों पर अगरबत्ती और चादर चढ़ाते देखा होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसी मज़ार है, जहां पर लोग चढ़ावे के तौर पर सिगरेट चढ़ाते हैं। वैसे तो ये मज़ार एक क्रिश्चियन सिपाही की है, लेकिन यहां पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग आते हैं और मज़ार पर सिगरेट जलाते हैं। लोग वेल्स को सिगरेट वाले बाबा कहकर बुलाते हैं। ये कब्र लखनऊ के मूसाबाग में स्थित है, जो पहले खंडहर था। इसके बाद में यहां सब्जी मंडी बन गई। मूसाबाग में आजादी के पहले अंग्रेज़ रहा करते थे। साल 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के तहत अंग्रेज सैनिकों और भारतीय स्वतंत्रता सैनिकों के बीच में भयंकर गोलाबारी हुई। जिसमें यहां बनी अंग्रेजों की एक इमारत पूरी तरह से तहस-नहस हो गई।
बताया जाता है कि इसी गोलाबारी में कैप्टन वेल्स मारे गए थे,जिन्हें सिगरेट और शराब से बेहद प्रेम था। इस मज़ार के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों को भी नहीं पता कि कैप्टन वेल्स कब से कप्तान बाबा बन गए और कब से उन्हें सिगरेट चढ़ाए जाने लगी। यहां पर आने वाला हर शख्स अगरबत्ती और चादर की बजाए कप्तान बाबा को खुश करने के लिए सिगरेट चढ़ाता है। वैसे इस मज़ार के बारे में एक अनोखी मान्यता यह है कि यहां सिगरेट चढ़ाने वाले ज्यादातर प्रेमी जोड़े होते हैं,क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मज़ार पर सिगरेट चढ़ाने से प्रेमी या प्रेमिका को अपना खोया हुआ प्यार मिल जाता है।
इसके चलते प्रेमी कप्तान बाबा की मज़ार पर सिगरेट चढ़ाते हैं और बाबा से दुआ करते हैं कि अगर उन्होंने उनकी मुराद पूरी कर दी तो फिर सिगरेट चढ़ाने आएंगे। यहां पर आप को काफी मात्रा में जलती हुईं सिगरेट्स मिल जाएंगी। कप्तान बाबा की मज़ार के बारे में एक स्थानीय दुकानदार अनुराग ने बताया कि यहां पर बड़ी तादाद में लोग मन्नतें मांगने आते हैं और जब लोगों की जब मन्नतें पूरी हो जाती हैं, तो वो दोबारा यहां आकर बाबा को सिगरेट चढ़ाते हैं। लोगों को ऐसा लगता है कि सिगरेट के चढ़ावे से कैप्टन वेल्स खुश होते हैं और उनकी मन्नतों को पूरा करते हैं।