लखनऊ : एलडीए का एक और गड़बड़झाला सामने आया है। नियम और मानकों को दरकिनार कर एलडीए ने पंचायत भवन, मंदिर-मस्जिद, तालाब, चारागाह, मरघट, स्कूल, झील और ईदगाह की जमीन पर प्लॉट आवंटित कर दिए। अधिकारियों ने इंदिरा आवास में भी ऐसा ही घोटाला किया। गोमतीनगर विस्तार में ही लगभग छह सौ ऐसे प्लॉट आवंटित किए गए, जो मंदिर-मस्जिद, कब्रिस्तान और ईदगाह में हैं। यही नहीं कानपुर रोड, मानसरोवर योजना, जानकीपुरम, प्रियदर्शिनी व बसंतकुंज योजना में भी एलडीए ने इस तरह सैकड़ों प्लॉट आवंटित किए। प्लॉट आवंटित कर प्राधिकरण के अधिकारी खिसक गए। लेकिन इन्हें खरीदने वाले दर-दर भटक रहे हैं। एलडीए के अफसरों ने 2005 से पहले खूब प्लॉट आवंटित किए। जहां जमीन मिली, वहां तो अलॉट ही किया, जहां जमीन नहीं थी, वहां भी अलॉट किए गए। अब कब्जा तो दूर, लोग उनकी रजिस्ट्री तक नहीं करा पा रहे हैं।
कानपुर रोड, गोमतीनगर विस्तार में सैकड़ों लोगों को रजिस्ट्री कराने के बावजूद कब्जा नहीं मिल पा रहा है। गोमतीनगर विस्तार में ऐसे करीब 600 लोगों को श्मशानघाट, प्राइमरी स्कूल, मंदिर, पंचायत भवन, मरघट, कब्रिस्तान तथा ईदगाह व झील तालाब में प्लॉट अलॉट किए गए हैं। वर्तमान अधिकारी उन्हें यह कहकर वापस कर रहे हैं कि उनके पास दूसरी जगह प्लॉट देने के लिए जमीन ही नहीं है। कानपुर रोड के सेक्टर एल स्थित झील में भी करीब 40 लोगों को प्लॉट अलॉट किए गए हैं। मानसरोवर योजना में सेना की जमीन पर करीब दो सौ लोगों को प्लॉट व मकान अलॉट किए गए हैं। इन्हें भी कब्जा नहीं मिल पा रहा है। बसंतकुंज योजना में भी करीब पांच सौ लोग प्लॉट के लिए भटक रहे हैं। विवादित प्लॉट अलॉट करने वाले अधिकारी अब यहां नहीं हैं। सभी का तबादला हो गया है। ऐसे में लोग जब अपनी परेशानी लेकर जाते हैं तो वर्तमान अधिकारी उनकी बात ही नहीं सुनते।