कभी छिड़कते थे जान, बाद में बन गए ‘जानी दुश्मन’
एजेन्सी/दिल्ली की फैशन डिजायनर और मुरादाबाद के युवक के बीच फेसबुक पर दोस्ती हो गई थी। दोनों के बीच शुरू हुई दोस्ती कुछ ही दिन में प्यार में बदल गई थी। युवती मुरादाबाद आ गई और उसने प्रेमी से शादी कर ली थी। कुछ ही दिन बाद युवक और उसके परिवार के लोग युवती को तंग करने लगे। उसे तरह तरह के ताने देने लगे। उसके साथ मारपीट तक की गई। दहेज के लिए उसे परेशान किया गया। इसके बाद युवक और युवती के बीच विवाद शुरू हो गया। बाद में युवती ने प्रेमी के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा दिया था।
एक साल में हो गया प्रेमी से तलाक
मझोला के जयंतीपुर में रहने वाले एक युवक के पड़ोसी युवती से प्रेम प्रसंग हो गया था। दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन दोनों ही परिवार इस शादी से खुश नहीं थे। प्रेमी युगल ने भाग कर शादी कर ली थी। एक माह बाद दोनों घर लौट आये थे। दोनों का वैवाहिक जीवन ठीक से चल रहा था। लेकिन एक साल बाद युवती के किसी दूसरे युवक से संबंध हो गए। इसके बाद दोनों के बीच तलाक हो गया था।
इश्क में धोखा मिला तो दे दी जान
करीब तीन माह पहले कांशीराम नगर में रहने वाली एक मुस्लिम महिला ने जहर खाकर जान दे दी थी। महिला ने जिस युवक से प्रेम विवाह किया था। वह दूसरे धर्म का था। जबकि आरोपी ने महिला से ये बात छिपाकर निकाह किया था। जानकारी होने पर महिल ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा उसे जेल भेजा दिया था। लोगों के तानों से क्षुब्ध होकर महिला ने आत्महत्या कर ली थी।पाकबड़ा के माता वाली मिलक निवासी अमित कुमार ने अपनी पत्नी नीतू की गला घोंट कर हत्या कर दी थी। जबकि दोनों ने परिजनों के विरोध के बावजूद प्रेम विवाह किया था। पत्नी ने मोबाइल नहीं दिया तो उसने उसे गला घोंट कर मार दिया था। पुलिस आरोपी पति को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
चला गया जेल, शादी को नहीं हुआ तैयार
मुगलपुरा थाने में दो माह पहले एक युवती ने अपने प्रेमी पर बलात्कार का केस दर्ज कराया था। युवती ने आरोप लगाया था कि उसे शादी का झांसा देकर बलात्कार किया गया था। पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। युवती ने कहा था कि अगर वह शादी के लिए तैयार होता है तो वह अपनी शिकायत वापस ले लेगी। लेकिन युवक तैयार नहीं हुआ और वह जेल चला गया।
गृहस्थी बचाने को होती हैं काउंसिलिंग
घरेलू हिंसा के विवादों को निपटाने के लिए पुलिस लाइन में हर गुरुवार को दोनों पक्षों की काउंसिलिंग कराई जाती है। दोनों पक्षों को समझाया जाता है कि वह एक दूसरे के बारे में सोचे अच्छी बुराई समझें और अपने टूट रहे घर को बचाने की कोशिश करें। एक दो काउंसिलिंग के बाद भी जब दोनों के बीच समझौता नहीं होता हो तो इससे आगे की कार्रवाई की जाती है
युवा पीढ़ी को अच्छाई बुराई की समझ कम होती है। कई युवती और युवक भटक जाते हैं। वह गलत रास्ते चुन लेते हैं। इसके लिए मां-बाप भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। मां-बाप को अपने बच्चों से संवाद करना होगा। उन्होंने समझाना होगा कि क्या अच्छा है क्या बुरा। स्कूलों में केवल किताबें ज्ञान दिया जा रहा है। स्कूलों में बच्चों को सामाजिक ज्ञान भी दिया जाना चाहिए।