नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मानसून एक्सप्रेस ने जो रफ्तार पकड़ी थी, वह उत्तर पश्चिमी झारखंड और समीपवर्ती इलाकों तक पहुंचकर धीमी पड़ गई है। हालांकि, बरेली, सहारनपुर अंबाला और अमृतसर को भी मानसून ने आंशिक रूप से छू लिया है, लेकिन दिल्ली एनसीआर और समूचे हरियाणा- पंजाब को मानसून की झमाझम बारिश के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि अनुकूल परिस्थितियों के चलते आगे बढ़ते हुए सोमवार को दक्षिणी पश्चिमी मानसून की उत्तरी सीमा अक्षांश 20.5 डिग्री उत्तर व देशांतर 60 डिग्री पूर्व पर दीव, सूरत, भोपाल, हमीरपुर, बाराबंकी, अंबाला, अमृतसर से होकर गुजरी। इस दौरान मानसून की टर्फ रेखा पश्चिमी राजस्थान से उत्तर-पूर्व बंगाल तक बनी हुई थी। इससे इन सभी जगहों पर बारिश भी हुई। लिहाजा, यह भ्रम पैदा हो गया कि मानसून ने पंजाब और हरियाणा में भी दस्तक दे दी है, लेकिन भारतीय मौसम विभाग ने इसे सही नहीं बताया है। विभाग का कहना है कि अभी तक इन दोनों राज्यों के कुछ उत्तरी हिस्से को ही मानसून ने छुआ है। पूर्ण रूप से यहां मानसून अभी नहीं पहुंचा है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार मानसून की दस्तक तभी सुनिश्चित हो पाती है जब पूर्वी हवाएं चल रही हों, नमी बढ़ी हुई हो और लगातार कई दिन तक बारिश हो। पूर्वी हवाएं तो चल रही हैं, लेकिन उनमें गहराई ज्यादा नहीं है। मिड लैटीट्यूड यानी 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पूर्वी की जगह पश्चिमी हवा चल रही है। इससे सिस्टम मजबूत नहीं हो पा रहा है। लिहाजा, अभी अगले कई दिन तक मानसून आने की संभावना नहीं के बराबर ही लग रही है। मौसम विभाग का भी कहना है कि मध्य अक्षांश की पछुआ हवाओं के कारण उत्तर-पश्चिमी भारत के शेष हिस्सों में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने के आसार हैं।
उत्तरी हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में मानसून ने सोमवार को दस्तक दी है, लेकिन पूरे हरियाणा और पंजाब में मानसून अभी नहीं आया है। दिल्ली एनसीआर में अभी अगले पांच छह दिन तक इसके आने की कोई संभावना नहीं लग रही। मानसून की रफ्तार फिलहाल धीमी पड़ गई है। बुधवार को मानसून के अपडेट पर औपचारिक स्थिति स्पष्ट की जाएगी- डाॅ. एम महापात्रा, महानिदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग।