कमजोर रुपये की वजह से नही बढ़ रहें हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, सरकार की ये नीति काट रही है आपकी जेब
कच्चे तेल की कीमत 2013 में भी यही थी, लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल व डीजल पर टैक्स काफी कम था, जिससे यह तब सस्ता था। लेकिन आज केंद्र सरकार द्वारा इन पर जो टैक्स वसूला जा रहा है, उससे ही कीमतें अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। इसलिए अगली बार जब आप पेट्रोल या फिर डीजल को अपनी गाड़ी में भरवाएं तो उस वक्त रुपये को न कोसें, क्योंकि ऊंची कीमतों का सारा खेल सरकार ने रचा है।
इसलिए बढ़ा दिया टैक्स
केंद्र सरकार अपने चालू घाटे को कम करना चाहती है। पेट्रोल, डीजल पर जो एक्साइज ड्यूटी व वैट लगा है, उससे ही केंद्र व राज्य सरकारों को ही रोजाना सर्वाधिक कमाई होती है। इस कमाई के बल पर ही सरकार अपने चालू खाते के घाटे को कम करने की कोशिश में लगी है।
सरकार की कमाई में हुआ दो साल में इजाफा
टैक्स में बढ़ोतरी के कारण सरकार की कमाई में पिछले दो सालों में काफी इजाफा देखने को मिला है। 2014-15 में केंद्र सरकार ने ट्रैक्स के बलबूते 1.3 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी, जो 2016-17 में बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गई है। मतलब सीधा 117 फीसदी का इजाफा हुआ था।
हालांकि 2017-18 के आंकड़े अभी मौजूद नहीं है। वहीं राज्य सरकारों ने भी 2014-15 में 1.6 लाख करोड़ रुपये कमाये थे, जो कि 2016-17 में बढ़कर 1.9 लाख करोड़ रुपये हो गई थी। राज्य सरकारों की कमाई में 18 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था।