फीचर्डराष्ट्रीय

कम्पनी और भारत को बदनाम करना चाहते हैं लोग : वेदांता

चेन्नई : पुलिस फ़ायरिंग और पिटाई में मारे गए 13 लोगों की मौत पर तूतीकोरिन में जारी हंगामे पर वेदांता के प्रमुख अनिल अग्रवाल का कहना है कि कुछ निहित स्वार्थ वाले लोग उनकी कंपनी वेदांता और भारत को बदनाम करना चाहते हैं। अनिल अग्रवाल का कहना है कि तमिलनाडु के तूतीकोरिन में प्रदर्शन कुछ निहित स्वार्थ वाले लोगों का किया-धरा है जो न सिर्फ़ वेदांता बल्कि आकर्षक निवेश स्थान के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को ख़राब कर रहे हैं।अनिल अग्रवाल का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि राज्य सरकार ने मामले की जांच के जो आदेश दिए हैं उससे सच बाहर आएगा। तूतीकोरिन में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों पर पुलिस फ़ायरिंग और लाठीचार्ज में अब तक 13 लोग मारे जा चुके हैं। ये विरोध लंबे समय से जारी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट से निकलने वाला खतरनाक औद्योगिक कचरा ज़मीन, हवा और पानी में प्रदूषण फैलाने के अलावा उनके स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंच रहा है जिससे लोगों की मौत भी हुई है और वो चाहते हैं इसे बंद किया जाए, कंपनी इन आरोपों से इनकार करती रही है। तूतीकोरिन में अभी भी पुलिस भारी संख्या में मौजूद है और इंटरनेट व्यवस्था ठप है। राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने भी गुरुवार को कहा था कि कुछ राजनीतिक नेता और असामाजिक तत्व प्रदर्शनों में घुस गए हैं और इसे ग़लत रास्ते पर ले गए हैं। इस वक्तव्य की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हुई थी। अनिल अग्रवाल ने गुरुवार को ट्विटर पर जारी एक वीडियो संदेश में तूतीकोरिन की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण और दुख देने वाला बताया था।वेदांता का कहना है,कंपनी स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण से जुड़े कड़े मानकों का पालन करती है और पिछले सालों में कंपनी ने प्रशासन और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सभी नियमों का पालन किया है। स्थानीय लोग और कार्यकर्ता कंपनी के इन दावों को ग़लत बताते हैं। क्या घटना में मारे गए लोगों की मदद के लिए उनकी मदद की योजना है, इस पर अनिल अग्रवाल की ओर से सीधा जवाब नहीं मिला और कहा गया कि इस संकट के मौके पर तूतिकोरिन के लोगों को जो भी मदद चाहिए होगी हम उनकी मदद करेंगे। कंपनी ने सरकार और प्रशासन से आसपास के इलाकों में रहने वाले समुदायों और हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा की अपील की है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन से पहले उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में भी अपने निवेश को लेकर वेदांता विवादों में रही है। ऐसा क्यों है, इस पर पूछे गए सवाल का बिहार के पटना में पैदा हुए अनिल अग्रवाल ने कोई जवाब नहीं दिया।जिस तरह तूतीकोरिन में पुलिस की ओर से लोगों पर गोलियां चलाई गईं और उन्हें पीटा गया, इस पर ऐसे आरोप भी लगे कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर वेदांता का प्रभाव है जिसके कारण प्रशासन और पुलिस की ओर से ऐसी कार्रवाई हुई। अनिल अग्रवाल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा, देश के कई कोनों में और दुनिया के कई देशों में हमारे ऑपरेशंस चल रहे हैं। हम अपना बिज़नेस न्यायोचित तरीके से चलाने में विश्वास रखते हैं, न कि प्रशासन पर कोई प्रभाव डालकर। वेदांता दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनियों में से एक है। अनिल अग्रवाल ने मुंबई में वेदांता नाम की कंपनी बनाई थी जिसे उन्होंने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कराया। स्टरलाइट वेदांता समूह की ही कंपनी है। तूतीकोरिन वाले कारखाने में हर साल चार लाख टन तांबे का उत्पादन होता है। कंपनी इसकी क्षमता दोगुना करना चाहती है।

Related Articles

Back to top button