करतारपुर कॉरिडोर पर नापाक हरकत करते हुए पाकिस्तान ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में माथा टेकने आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए गठित कमेटी में आतंकी हाफिज सईद के खास सहयोगी और खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को भी शामिल किया है। इसपर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपनी चिंताओं को साझा किया है और विवादास्पद शख्स की नियुक्ति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार तीन दिन पहले करतारपुर पर एक दस सदस्यीय समिति पाकिस्तान कैबिनेट द्वारा स्थापित की गई थी। समिति में कुछ विवादित नाम हैं जिसमें गोपाल चावला भी शामिल हैं। वह लश्कर-ए-तैयबा और बिशेन सिंह के साथ जुड़ा रहा है। इस मामले पर भारत ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करेगा। एक बार सुरक्षा पहलू स्पष्ट हो जाए और हमें संतोषजनक जवाब मिल जाए तो हम बातचीत को आगे बढ़ाने और इसपर सार्थक तरीके से निष्कर्ष निकालने को लेकर उत्सुक हैं।
सरकारी सूत्रों का यह भी कहना है कि भारत ने प्रस्ताव दिया है कि रोजाना 5,000 श्रद्धालु और विशेष दिवस पर 15,000 लोग मत्था टेकने के लिए जाएंगे। इसके अलावा कॉरिडोर का इस्तेमाल हर धर्म के लोग कर सकते हैं। कॉरिडोर ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया के कार्डधारकों के लिए भी उपलब्ध होगा जिसके लिए पाकिस्तान राजी नहीं है। भारत ने कॉरिडोर को सातों दिन खुला रखने के लिए कहा है।