करो या मरा के मुकाबले में उतरेगी टीम इंडिया
पर्थ : विश्वकप से पहले अभ्यास के तौर पर देखी जा रही त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में क्वालिफाई करने के लिये पिछले दोनों मैच हार चुकी भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में उतरेगी। उलझे हुये समीकरण बारिश के कारण रद्द हुये पिछले मुकाबले से काफी सुलझ गये थे और अब केवल जीतने वाली टीम ही फाइनल में क्वालिफाई करेगी। इंग्लैंड के हाथों में फिर भी एक जीत दर्ज कर पांच अंक हैं और यदि वह भारत के खिलाफ मैच ड्रॉ भी करा देती है या फिर वर्षा से फिर मैच रद्द होता है तब भी इंग्लिश टीम फाइनल में पहुंच जाएगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछला मैच वर्षा के कारण रद्द हुआ था और टीम इंडिया उससे मिले दो अंकों के साथ उम्मीद की किरण बंधाये हुये है। भारत और इंग्लैंड के लिये यह मैच नॉकआउट मुकाबले की तरह है। पिछले प्रदर्शन को देखें तो भारत को बेहतरीन ढंग से मात दे चुकी इंग्लैंड अब भी फाइनल में क्वालिफाई करने की मुख्य दावेदार के तौर पर देखी जा रही है लेकिन भारत वनडे में एक अच्छी टीम है और गत चैंपियन टीम इंडिया को एकदम से खारिज करना विपक्षी टीमों को महंगा पड़ सकता है। भारत ने मौजूदा सीरीज में 15 खिलाड़ियों को मौका दिया है जबकि इंग्लैंड ने 12 खिलाड़ियों को उतारा है। भारत के लिये चोटिल खिलाड़ियों की बढ़ती फहरिस्त एक बड़ी समस्या है। ओपनर रोहित शर्मा की फिटनेस के कारण उनका शुक्रवार को भी खेलना संभव नहीं है। लेकिन टीम के अन्य बल्लेबाजों ने भी अभी तक निराश ही किया है। विराट कोहली, अंजिकया रहाणे, शिखर धवन किसी का भी प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है।
रहाणे ने पिछले तीनों मैचों में टीम के लिये ओपनिंग क्रम में खेला है लेकिन फिलहाल वह बल्ले से कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर मात्र 33 है। सिडनी में वह 28 रन बनाकर क्रीज पर थे जब मैच को रद्द किया गया। वनडे से पहले टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा था और इसलिये ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में वह अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन ओपनिंग क्रम में जिस खिलाड़ी का फॉर्म सबसे ज्यादा चिंताजनक है वह शिखर धवन है। धवन को रोहित की अनुपस्थिति के कारण फिलहाल कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के लिये बाहर बैठाना संभव नहीं है। धवन ने पिछले मैचों में 2, 1 और 8 रन की बेहद खराब पारियां खेली है जबकि सुपरस्टार बल्लेबाज विराट भी खराब प्रदर्शन के मामले में पीछे नहीं है और उन्होंने तीन पारियों में कुल 16 रन बनाये हैं तथा उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी मात्र 9 रन है। विश्वकप में कुछ ही दिन बचे हैं और ऐसे में टीम इंडिया के वे खिलाड़ी जो विश्वकप टीम का हिस्सा हैं उनका ऐसा प्रदर्शन चिंताजनक है। त्रिकोणीय सीरीज को मुख्य परीक्षा से पहले भारत के लिये ‘रिवीजन’ माना जा रहा था लेकिन लग रहा है कि टीम इंडिया के छात्र सब कुछ भूल चुके हैं। कप्तान धौनी ने तीन मैचों में अपनी दो पारियों में कुल 53 रन बनाये हैं और हमेशा की तरह मध्यक्रम को संभालने की जिम्मेदारी एक बार उनके मजबूत कंधों पर रहेगी। इसके अलावा ऑलराउंडर सुरेश रैना से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। भारत के लिये इस मैच के जरिये पर्थ में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पिछले रिकॉर्ड में सुधार करने का भी मौका होगा। दोनों टीमें 1992 विश्वकप में पर्थ के मैदान पर आमने सामने आई थी जिसमें इंग्लैंड ने नौ रन से जीत दर्ज की थी। एजेंसी