ज्योतिष : शुक्र चार सौर स्थलीय ग्रहों में से एक है, यानि कि पृथ्वी की ही तरह यह एक चट्टानी पिंड है। आकार व द्रव्यमान में यह पृथ्वी के समान है और अक्सर पृथ्वी की “बहन ग्रह” कहा गया है। शुक्र आकार व दूरी दोनों में पृथ्वी के निकटतम है। शुक्र एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए लगभग 23 दिनों का समय लेता है। शुक्र के राशि परिवर्तन का भी सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है।
शुक्र 22 जून को कर्क राशि में गोचर करेंगे। इससे पहले बीते 29 मई के दिन शुक्र ने अपनी राशि बदली थी। शुक्र के कर्क राशि में गोचर करने से कुछ राशियों को लाभ होगा तो कुछ राशियों को क्षति।
मेष राशि के चतुर्थ भाव में शुक्र का गोचर 22 जून 2021 को हो रहा है। चतुर्थ भाव आराम, माता और सुख-सुविधाओं का कारक है। शुक्र गोचर से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। करियर में भी आपको सफलता की नई ऊंचाइयां मिलेंगी। कार्यक्षेत्र में बदलाव भी संभव है।
मिथुन राशि के दूसरे भाव में शुक्र का गोचर हो रहा है। यह भाव वाणी, धन व परिवार का कारक माना जाता है। शुक्र के गोचर के दौरान जातक परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे। निवेश में मुनाफा हो सकता है। आमदनी में बढ़ोतरी होने के प्रबल योग हैं।
शुक्र का गोचर वृश्चिक राशि वालों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। व्यापारियों को फायदा होगा। शुक्र गोचर के दौरान नए कार्य की शुरुआत करना उत्तम रहेगा। इस दौरान आपको करियर के क्षेत्र में अच्छे अवसर मिलेगें। अपनी सेहत का ध्यान रखें। साथ ही कार्य क्षेत्र में अनावश्यक बातों में उलझने से बचें।
शुक्र का प्रवेश मकर राशि के सातवें भाव में हो रहा है। यह भाव विवाह व भागीदारी का कारक माना जाता है। इस वजह से मकर राशि में शुक्र के गोचर के दौरान नौकरी पेशा लोगों के जीवन में अनुकूल बदलाव हो सकते हैं। प्रमोशन मिलने की उम्मीद है। शुक्र के असर से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।