नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कर्नाटक के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह इस बात को सुनि>ित करें कि किसी भी मंदिर में गुरुवार रात या शुक्रवार को किसी भी लड़की का उपयोग देवदासी के रूप में नहीं हो।
मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने अधिकारियों को 14 फरवरी की सुबह होने वाले कार्यक्रम में सभी ऐतिहाती कदम उठाने के निर्देश दिया जहां लड़कियों को मंदिर (उत्तांगी मला दुर्गा मंदिर) में देवदासी के रूप में अर्पित किया जाता है। अदालत ने कहा, ‘हम मुख्य सचिव को यह भी निर्देश देते हैं कि वह यह सुनिश्ति करें कि 13 या 14 फरवरी को ऐसी कोई घटना नहीं हो।’’ अदालत ने केंद्र कर्नाटक महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों को नोटिस भेजकर अधिकतम चार सप्ताह में जवाब मांगा। याचिकाकर्ता एस.एल. फाउंडेशन ने अदालत से मांग की थी कि 13 फरवरी को राज्य के देवनगर जिले में उत्तांगी मला दुर्गा मंदिर में होने वाले इस कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए केंद्र और कर्नाटक सरकार को निर्देश दे, क्योंकि यह संविधान के प्रावधान के विरुद्ध है।