कर्नाटक : मुख्य न्यायाधीश की फटकार, क्या सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को चैलेंज कर रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष
बेंगलुरु : शीर्ष अदालत में कर्नाटक विधानसभा के मसले पर आज हुई सुनवाई पर मुख्य न्यायाधीश ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार को फटकार लगाई। विधायकों की तरफ से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि विधानसभा स्पीकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विधायक सुप्रीम कोर्ट क्यों गए थे, मैं तो यहां था मेरे पास आना था। उन्होंने कहा कि स्पीकर के खिलाफ अदालत को एक्शन लेना चाहिए, वो बार-बार कह रहे हैं कि उन्हें इस्तीफा पढ़ना है, लेकिन एक लाइन के इस्तीफे में वह कितनी बार पढ़ेंगे। रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने राजनीतिक वजह से हमारा इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। इस पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि क्या विधानसभा स्पीकर सुप्रीम कोर्ट की अथॉरिटी को चैलेंज कर रहे हैं, क्या स्पीकर हमें ये कह रहे हैं कि अदालत को इससे दूर रहना चाहिए। दूसरी ओर स्पीकर की तरफ से पेश हुए एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अभी विधायकों पर सदस्यता खत्म करने का भी मामला चल रहा है, ऐसे में इस्तीफे की बात कहां से आ सकती है। स्पीकर के साथ बैठक में विधायकों ने माना है कि वह रिजॉर्ट गए लेकिन इस्तीफे के लिए स्पीकर से नहीं मिले। इससे पहले स्पीकर ने गुरुवार को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष से बागी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के विधायकों के इस्तीफे पर जल्द ही निर्णय लेने के लिए कहा था और शाम 6 बजे विधायकों को स्पीकर के सामने पेश होने के आदेश दिए थे। गौरतलब है कि 14 बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर और कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन की 13 महीने पुरानी सरकार से समर्थन वापस लेकर बीते शनिवार से यहां ठहरे हुए हैं। ऐसे में कर्नाटक की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।